केंद्र सरकार की बड़ी घोषणा

केंद्र सरकार ने देश में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए ₹28,602 करोड़ की लागत से 12 नई औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह घोषणा केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में लिखित उत्तर के दौरान की। ये परियोजनाएं अगस्त 2024 में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत स्वीकृत की गई थीं।

36-48 महीनों में पूरी होंगी परियोजनाएं

मंत्री गोयल के अनुसार, इन औद्योगिक स्मार्ट सिटियों में ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज विकसित किए जाएंगे, जिनकी निर्माण प्रक्रिया EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) ठेकेदारों की नियुक्ति के बाद 36 से 48 महीनों में पूरी की जाएगी।

SPV मॉडल पर होगा विकास

परियोजनाओं का संचालन और प्रबंधन विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) मॉडल के तहत किया जाएगा। राज्य सरकारें भूमि उपलब्ध कराएंगी, जबकि भारत सरकार राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) के माध्यम से ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए इक्विटी प्रदान करेगी।

SPV में निजी क्षेत्र की भागीदारी की भी संभावना है, जहां राज्य सरकार इसे उपयुक्त समझे। साथ ही, इन सिटियों के विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल, उपयोगकर्ता शुल्क आधारित फंडिंग और अन्य वित्तीय नवाचारों का उपयोग किया जाएगा।

विभिन्न उद्योगों पर रहेगा फोकस

इन औद्योगिक स्मार्ट सिटियों में क्षेत्रीय मांग और बाजार मूल्यांकन के आधार पर उद्योगों का चयन किया जाएगा। मुख्य फोकस क्षेत्रों में हेवी इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, फार्मा और बायोटेक, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और आईटीईएस, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, सेमीकंडक्टर निर्माण, नैनो टेक्नोलॉजी, एयरोस्पेस, रबर और प्लास्टिक उत्पाद, और आरएंडडी शामिल हैं।

बाहरी वित्त पोषण की संभावना

राज्य सरकारें इन परियोजनाओं के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वित्त पोषण का भी लाभ उठा सकती हैं। परियोजनाओं को अधिक टिकाऊ और आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए नवोन्मेषी वित्तीय साधनों का उपयोग किया जाएगा।

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