ईरान की राजधानी पर इज़राइली हमला, जनरल सलामी समेत कई परमाणु वैज्ञानिकों की मौत की आशंका
ईरान-इज़राइल तनाव चरम पर, क्षेत्रीय युद्ध की आशंका गहराई
अमर शर्मा | अंतरराष्ट्रीय डेस्क, TWM
तेहरान/जेरूसलम। पश्चिम एशिया में हालात बेहद विस्फोटक हो गए हैं। शुक्रवार तड़के इज़राइल ने ईरान की राजधानी तेहरान और कई अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर जोरदार हवाई हमले किए। बताया जा रहा है कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया है। इस हमले में ईरान के प्रभावशाली रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है, जबकि दो वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों और एक अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी की भी मौत की खबर है।
ईरानी सरकारी टेलीविज़न ने पुष्टि की है कि जनरल सलामी के बारे में “खबरें चिंता बढ़ाने वाली हैं”, हालांकि अब तक उनकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस हमले को 1980 के दशक में इराक से हुए युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा सैन्य हमला माना जा रहा है।
“परमाणु खतरे को रोकना ज़रूरी था” – नेतन्याहू
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह कार्रवाई “आसन्न परमाणु खतरे” को रोकने के लिए ज़रूरी थी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ईरान ने जवाबी हमला किया तो इज़राइल अपने नागरिकों की रक्षा के लिए “जवाबी हमलों की श्रृंखला” शुरू करेगा।
नेतन्याहू ने स्पष्ट किया, “जब तक हमें इस खतरे को समाप्त करने में सफलता नहीं मिलती, तब तक हम यह कार्रवाई जारी रखेंगे।”
इस हमले के बाद दोनों देशों ने अपने-अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और नागरिकों को अलर्ट पर रखा गया है।
अमेरिका की दूरी, ट्रंप बोले- ‘बातचीत का मौका था’
वहीं अमेरिका ने इस हमले से खुद को अलग बताया है। विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने वाशिंगटन में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “यह इज़राइल की एकतरफा सैन्य कार्रवाई है, अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। हमारी प्राथमिकता मध्य पूर्व में अमेरिकी जवानों और हितों की सुरक्षा है।”
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो उस वक्त व्हाइट हाउस लॉन में सांसदों से मुलाकात कर रहे थे, इस घटनाक्रम से पहले ही नेतन्याहू को संयम बरतने की सलाह दे चुके थे। ट्रंप ने कहा था, “जब तक समझौते की कोई संभावना है, मैं नहीं चाहता कि इज़राइल हमला करे।”
ईरान का जवाब, आईएईए से बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की बोर्ड बैठक में पहली बार 20 वर्षों में ईरान की निंदा की गई थी। इसके तुरंत बाद ईरान ने एक नए समृद्धिकरण केंद्र की घोषणा की और पुराने सेंट्रीफ्यूज हटाकर आधुनिक मशीनें लगाने का ऐलान किया।
माना जा रहा है कि ईरान अभी भी पूर्ण परमाणु हथियार बनाने से कुछ महीने दूर है, लेकिन उसकी प्रगति को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता लगातार बढ़ रही है।
इज़राइल में आपातकाल की घोषणा
इज़राइली रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने बयान जारी कर कहा, “ईरान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की आशंका है। इसलिए हमने गृह मोर्चे पर आपात स्थिति घोषित कर दी है।”
देशभर में बंकर और सुरक्षित क्षेत्रों को खोल दिया गया है और नागरिकों को सतर्क रहने को कहा गया है।
तेल के दाम में उछाल
हमले की खबर फैलते ही वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 5% की वृद्धि दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तनाव युद्ध में बदलता है तो यह दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है।