जमालपुर रेलवे अस्पताल में गंदगी का अड्डा,
अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
संघर्ष मोर्चा ने उठाई उच्च स्तरीय जांच की मांग, कहा— सफाई के नाम पर हो रहा है करोड़ों का घोटाला
जमालपुर, संवाददाता।
जहाँ एक ओर देश भर में विश्व स्वास्थ्य दिवस और स्वास्थ्य पखवाड़ा को लेकर अस्पतालों में जागरूकता अभियान और भाषणबाज़ी का दौर चल रहा है, वहीं दूसरी ओर जमालपुर स्थित मुख्य रेलवे अस्पताल बदहाली और गंदगी का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। साहेबगंज से कजरा के बीच इस महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
रेलवे अस्पताल की इस दुर्दशा पर जमालपुर रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा के वरिष्ठ नेता दिनेश कुमार सिंह (जन सुराज के जिला संरक्षक), रविकांत झा (लोहिया वाहिनी के प्रदेश महासचिव) और मनोज क्रांति (सपा के मीडिया प्रभारी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सफाई और आधुनिकरण के नाम पर आवंटित लाखों-करोड़ों की राशि अधिकारी हजम कर जा रहे हैं, जबकि धरातल पर व्यवस्था नाम मात्र की भी नहीं बची है।
वार्ड से लेकर शौचालय तक पसरी है गंदगी
मोर्चा नेताओं का आरोप है कि अस्पताल के वार्डों में मुश्किल से एक बार सफाई होती है। शौचालयों की हालत बदतर है, जहाँ गंदगी का अंबार है और कहीं भी फिनाइल, लाइजोल या अन्य साफ-सफाई के सामान का उपयोग होता नहीं दिखता। बेसिन से लेकर नालियों तक की पाइपें टूटी पड़ी हैं और नर्सिंग स्टाफ का ध्यान मोबाइल में ही उलझा रहता है।
अधिकारियों पर उठी उंगलियां, कमीशनखोरी का आरोप
संघर्ष मोर्चा का आरोप है कि एसीएमओ और सीएमएस जैसे जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों की जगह कमीशन की राशि हड़पने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों की देखभाल तो दूर, अस्पताल की मूलभूत व्यवस्था तक को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
प्रशासन को दी चेतावनी, नहीं सुधरी व्यवस्था तो होगा आंदोलन
नेताओं ने पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक (GM) और सीएमडी से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो संघर्ष मोर्चा अधिकारियों के विरुद्ध जमालपुर रेल निर्माण कारखाना में एक बड़ा जनांदोलन खड़ा करेगा।
रेलवे अस्पताल की हालत ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — क्या सिर्फ कागजों पर ही चलता रहेगा ‘स्वास्थ्य पखवाड़ा’?