श्राद्ध में अश्लीलता: पिता की तेरहवीं पर आयोजित हुआ लौंडा नाच, वीडियो वायरल होने पर उठे सवाल
मलयपुर के तांती टोला में बेटों ने मर्यादा को किया तार-तार, सोशल मीडिया पर लोगों ने जताई नाराज़गी

जमुई (बिहार)। समाज में रीति-रिवाज और परंपराएं जहां श्रद्धा और शोक की भावना से जुड़ी होती हैं, वहीं बिहार के जमुई जिले से आई एक घटना ने इन मूल्यों को झकझोर कर रख दिया है। मलयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत तांती टोला गांव में एक बेटे ने अपने दिवंगत पिता की तेरहवीं पर अश्लीलता की सारी सीमाएं पार करते हुए लौंडा नाच का आयोजन कर डाला।

5 अप्रैल की रात आयोजित इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग जुटे और देर रात तक भद्दे गानों पर झूमते नजर आए। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि स्टेज पर युवकों की टोली डांस कर रही है और भीड़ में बैठे लोग उन पर पैसे लुटा रहे हैं। यहां तक कि मृतक के घर के कुछ सदस्य भी नाचते दिखाई दे रहे हैं, जो समाज की संवेदनशीलता और पारिवारिक मूल्यों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

मृतक की पहचान बेनी तांती के रूप में हुई है, जो भुट्टा बेचकर अपने परिवार का गुज़ारा करते थे। उनके चार बेटे—शंभु, पिंटू, संजीत और सुटक—में से अधिकांश मजदूरी कर जीविकोपार्जन करते हैं। तेरहवीं के अवसर पर किसी धार्मिक अनुष्ठान या शोक सभा की बजाय अश्लीलता का ऐसा प्रदर्शन समाज में गलत संदेश दे रहा है।

घटना के बाद इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलते हुए लोगों में आक्रोश और हताशा दोनों को जन्म दिया है। कई लोगों ने इस कृत्य को कलियुग का नया ‘श्रवण कुमार’ करार देते हुए व्यंग्य में कहा कि “अब तेरहवीं पर भी तमाशा होगा।”

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी इस इलाके में ऐसे कार्यक्रम होते रहे हैं लेकिन इस बार मामला संवेदनशील होने के कारण चर्चा में आ गया। फिलहाल प्रशासन ने इस पर कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की है, परंतु वीडियो के आधार पर जांच की संभावना जताई जा रही है।

समाज में उठते प्रश्न:
ऐसी घटनाएं न सिर्फ पारंपरिक संस्कारों की अवमानना करती हैं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी गलत उदाहरण पेश करती हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या मनोरंजन की सीमा अब शोक और श्रद्धा से भी ऊपर हो गई है?

रिपोर्ट : शिवांशु सिंह सत्या

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