झारखंड में कोरोना से पहली मौत, रांची के 44 वर्षीय मरीज ने तोड़ा दम
आरआईएमएस में इलाज के दौरान हुई मौत, कई बीमारियों से था पीड़ित
🖊 TWM News डेस्क | रांची
झारखंड में इस साल कोरोना संक्रमण की वापसी के बीच पहली मौत की पुष्टि हो गई है। रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में भर्ती एक 44 वर्षीय मरीज की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी आधिकारिक पुष्टि करते हुए बताया कि मरीज कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहा था, जिससे उसकी हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई थी।
मौत के पीछे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं
रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार, मृतक को एस्पिरेशनल निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS), सेप्टिक शॉक, हाइपरटेंशन और हाइपोथायरॉइडिज्म जैसी गंभीर बीमारियाँ थीं। कोरोना संक्रमण के साथ इन बीमारियों का असर जानलेवा साबित हुआ।
राज्य में छह सक्रिय केस, नौ लोग ठीक हो चुके
झारखंड स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, फिलहाल राज्य में कोविड-19 के छह सक्रिय मामले हैं जबकि नौ मरीज अब तक संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। इस लहर का पहला मामला 24 मई को सामने आया था, जब मुंबई से लौटे एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
जारी हुआ स्वास्थ्य परामर्श, सतर्कता बरतने की अपील
बढ़ते मामलों को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है। इसमें बुखार, गले में खराश, सिरदर्द या नाक बहने जैसे लक्षणों पर लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क लगाना और वरिष्ठ नागरिकों एवं पहले से बीमार लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है।
सतर्कता के निर्देश, जीनोम सिक्वेंसिंग और मॉक ड्रिल अनिवार्य
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों में से कम से कम 5% की कोविड जांच की जाए जबकि गंभीर रूप से बीमार (SARI) मरीजों की 100% जांच की जाए।
साथ ही RIMS में सभी पॉजिटिव नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी। सभी जिलों में ऑक्सीजन आपूर्ति और आपातकालीन व्यवस्था को लेकर मॉक ड्रिल भी अनिवार्य कर दिया गया है।
विशेष ध्यान देनी होगी इन वर्गों पर:
- 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग
- डायबिटीज, हृदय या फेफड़े की बीमारियों से पीड़ित
- जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है