झारखंड के 8,000 से अधिक सरकारी स्कूलों में एक ही शिक्षक के भरोसे शिक्षा व्यवस्था
राज्य में 103 स्कूल बिना छात्रों के, लेकिन 17 शिक्षकों की तैनाती बरकरार
रांची। झारखंड में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जानकारी दी कि झारखंड के करीब 7,930 सरकारी स्कूल केवल एक शिक्षक के सहारे संचालित हो रहे हैं, जिससे लाखों छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
विधानसभा में भाजपा विधायक राज सिन्हा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि करीब 3.81 लाख छात्र इन सिंगल-टीचर स्कूलों में पढ़ने को मजबूर हैं। इसके अलावा, राज्य में 103 स्कूल ऐसे हैं जहां कोई भी छात्र नामांकित नहीं है, लेकिन वहां 17 शिक्षक अब भी पदस्थापित हैं।
छात्रों की वापसी के लिए ‘स्कूल चलो अभियान’ शुरू
मौजूदा स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने ‘स्कूल चलो अभियान’ शुरू किया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि जो छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं, उन्हें दोबारा शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
26,000 सहायक शिक्षकों की होगी नियुक्ति
शिक्षा संकट को हल करने के लिए सरकार 26,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति करने की योजना पर काम कर रही है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस कदम से झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
झारखंड में सबसे अधिक सिंगल-टीचर स्कूल
गौरतलब है कि राइट टू एजुकेशन (RTE) कार्यकर्ताओं द्वारा अप्रैल 2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि झारखंड में कुल 35,438 सरकारी स्कूलों में से 20% स्कूलों को केवल एक शिक्षक चला रहा है। इसके अलावा, झारखंड देश के उन 22 राज्यों में पहले स्थान पर है, जहां सबसे अधिक सिंगल-टीचर स्कूल मौजूद हैं।