धार्मिक और सामाजिक कार्यों में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व अधिकारी नहीं रहे

पटना।  हार्ट अटैक के कारण पूर्व आईपीएस और महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया। उन्हें हृदय गति रुकने के बाद तुरंत महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

आचार्य किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। 1972 में उन्होंने गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में अपना करियर शुरू किया। वे 1983 में पटना के एसपी बने और बाद में विशेष कर्तव्य अधिकारी (अयोध्या) के रूप में प्रधानमंत्री वीपी सिंह के कार्यकाल में अयोध्या विवाद में मध्यस्थता का महत्वपूर्ण दायित्व निभाया।

महावीर मंदिर को दिया नई पहचान
किशोर कुणाल 1983 में महावीर मंदिर न्यास से जुड़े और उनके नेतृत्व में मंदिर का नवीनीकरण कार्य आरंभ हुआ। उनके प्रयासों से महावीर मंदिर ने न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी नई पहचान बनाई। उनकी अगुवाई में महावीर ट्रस्ट ने महावीर कैंसर संस्थान सहित कई सामाजिक कल्याणकारी परियोजनाओं की शुरुआत की।

धार्मिक सुधारों में निभाई अहम भूमिका
आचार्य किशोर कुणाल ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने धार्मिक संस्थानों में सुधार लाने और प्रचलित असमान प्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी पहचान एक ऐसे प्रशासक के रूप में रही, जिन्होंने समाज और धर्म के बीच संतुलन बनाने का काम किया।

शोक की लहर
आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में शोक की लहर है। उनकी विद्वता, प्रशासनिक क्षमता और सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण को लंबे समय तक याद किया जाएगा। राज्य के प्रमुख राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।

 

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