बोले- “राजनीति छोड़ें शाह”
पटना
संविधान सभा के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने शाह पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें “पागल” करार दिया और राजनीति से संन्यास लेने की मांग की।
लालू यादव ने कहा कि अमित शाह का बयान डॉ. अंबेडकर का अपमान है और यह उनके प्रति नफरत को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर का योगदान अतुलनीय है और उनका अपमान सहन नहीं किया जाएगा। शाह को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।”
विवाद कैसे शुरू हुआ?
दरअसल, राज्यसभा में संविधान दिवस पर बहस के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस नेताओं के लिए अंबेडकर का नाम लेना “फैशन” बन गया है। शाह के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने इसे अंबेडकर का अपमान करार दिया।
लालू के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अपने पिता के सुर में सुर मिलाते हुए बीजेपी और शाह पर हमला बोला। तेजस्वी ने कहा, “बीजेपी और अमित शाह संविधान विरोधी मानसिकता रखते हैं। अंबेडकर हमारे प्रेरणास्रोत हैं और उनकी विरासत का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव लाकर अमित शाह से माफी की मांग की। टैगोर ने कहा कि शाह ने संसद के भीतर डॉ. अंबेडकर का अपमान किया है और उन्हें केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शाह की टिप्पणी की आलोचना करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। खड़गे ने कहा, “अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक हैं, उनका अपमान पूरे देश का अपमान है। शाह को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”
संसद में प्रदर्शन
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्षी नेताओं ने डॉ. अंबेडकर की तस्वीरें लेकर शाह के बयान की निंदा की और उनके इस्तीफे की मांग की। राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता इन प्रदर्शनों में शामिल हुए।