लालू यादव को ‘गुनाहनामा’: नीरज कुमार का खुला हमला, कहा– “राजद शासन में EBC से हुआ ऐतिहासिक अन्याय”
जदयू प्रवक्ता ने उठाए सामाजिक न्याय के दावों पर सवाल, आंकड़ों और तथ्यों से घेरा लालू-राबड़ी शासनकाल को
पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर बयानबाज़ी का तूफ़ान उठ गया है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को एक खुला पत्र लिखा है, जिसे उन्होंने ‘गुनाहनामा’ का नाम दिया है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने लालू-राबड़ी शासन (1990–2005) के दौरान अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के साथ हुए कथित राजनीतिक और सामाजिक अन्यायों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है।
नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि जिस लालू प्रसाद यादव ने खुद को सामाजिक न्याय का मसीहा बताया, उन्होंने ही EBC समुदाय को सत्ता, सम्मान और निर्णय लेने के अवसरों से वंचित कर दिया। उन्होंने कहा कि यह खुला पत्र कोई राजनीतिक चिठ्ठी नहीं, बल्कि “वंचितों के दर्द की दस्तावेज़ी ज़ुबान” है।
EBC को मिली सिर्फ 6.6% हिस्सेदारी:
नीरज कुमार ने आंकड़ों के ज़रिए दावा किया कि 15 वर्षों के लालू-राबड़ी शासन में कुल 272 मंत्रियों में से केवल 18 मंत्री ही अति पिछड़ा वर्ग से थे, जो महज़ 6.6% है। इसे उन्होंने ‘सत्ता में सुनियोजित बहिष्कार’ की संज्ञा दी।
जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा से छल:
पत्र में नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा को आगे बढ़ाने का दावा तो किया, लेकिन उनके सिद्धांतों का पालन नहीं किया। उन्होंने इसे “राजनीतिक विरासत का दुरुपयोग” करार दिया।
‘फर्जी सामाजिक न्याय’ का आरोप:
जदयू प्रवक्ता ने पत्र में लिखा कि राजद शासन के दौरान न तो ‘पिछड़ा-अतिपिछड़ा कल्याण विभाग’ की स्थापना हुई और न ही पंचायत चुनावों में EBC को एकल पदों पर आरक्षण सुनिश्चित किया गया। यह दर्शाता है कि सामाजिक न्याय के नाम पर महज़ नारा गढ़ा गया, जबकि धरातल पर कुछ नहीं किया गया।
जातिगत जनगणना से दूर रहा राजद:
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि जब केंद्र और राज्य, दोनों स्तरों पर राजद की प्रभावी भूमिका थी, तब भी उन्होंने जातिगत जनगणना या राज्य स्तरीय जाति सर्वेक्षण की दिशा में कोई पहल नहीं की। इसे उन्होंने ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी’ बताया।
EBC बेटियों की शिक्षा की अनदेखी:
पत्र में आरोप लगाया गया है कि लालू-राबड़ी शासन के दौरान EBC समुदाय की बेटियों को जानबूझकर शिक्षा और जागरूकता से दूर रखा गया ताकि वे अपने हक की मांग न कर सकें। उन्होंने इसे ‘सोची-समझी रणनीति’ बताया।
लालू परिवार पर भी हमला:
नीरज कुमार ने पत्र में लिखा कि लालू यादव ने अपनी राजनीति को अब एक ‘चार्जशीटेड पुत्र’ के हवाले कर दिया है, और उनके कथित ‘गुनाहों का वैताल’ भी उसी के कंधों पर सवार हो चुका है।
‘लालटेन युग’ और 118 नरसंहारों का जिक्र:
पत्र के अंत में नीरज कुमार ने लालू शासन को ‘लालटेन युग’ करार देते हुए कहा कि उस दौर में 118 से अधिक बड़े नरसंहार हुए, जिनमें सबसे अधिक पीड़ित अति पिछड़ा वर्ग के लोग थे। उन्होंने इसे “खामोश तबके पर ढाया गया सबसे बड़ा राजनीतिक अत्याचार” बताया।