लेवल क्रॉसिंग पर अव्यवस्थित यातायात बना ट्रेनों की लेटलतीफी की वजह, पूर्व रेलवे ने जताई चिंता
हर दिन औसतन 31 ट्रेनें समय से चलने में विफल, सीपीआरओ ने की सड़क उपयोगकर्ताओं से अपील
मुंगेर। पूर्व रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती आंकड़ों के आधार पर एक गंभीर चिंता व्यक्त की है। लेवल क्रॉसिंग गेट पर सड़क यातायात के बढ़ते दबाव और नियमों की अनदेखी के चलते प्रतिदिन औसतन 31 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चलने में विफल हो रही हैं। इस कारण न केवल ट्रेन यात्री, बल्कि सड़क पर चलने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।
पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 को एक ही दिन में 79 ट्रेनें लेट हुईं, जिनका मुख्य कारण था—लेवल क्रॉसिंग गेट बंद करने में हुई देरी। यह देरी तब होती है जब सड़क पर वाहन चालक ट्रैफिक संकेतों की अनदेखी करते हुए जबरन रेलवे क्रॉसिंग पर घुस जाते हैं, जिससे गेटमैन को गेट बंद करने में कठिनाई होती है।
सड़क और रेल दोनों यातायात प्रभावित
सीपीआरओ ने बताया कि कई बार देखा गया है कि बजर बजने और सिग्नल लाल होने के बावजूद वाहन और पैदल यात्री लेवल क्रॉसिंग में प्रवेश करते हैं। इससे न केवल गेट समय पर बंद नहीं हो पाता, बल्कि सड़क पर भी जाम की स्थिति बन जाती है। जब गेट देर से बंद होता है, तो ट्रेन को लेट किया जाता है, जिससे उसके पीछे आने वाली कई अन्य ट्रेनों का शेड्यूल भी प्रभावित होता है।
रेलवे ट्रैक पर है रेलवे की प्राथमिकता
मित्रा ने स्पष्ट किया कि रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत रेलवे को ट्रैक और उससे जुड़ी भूमि पर प्राथमिकता और नियंत्रण का अधिकार है। ट्रेन संचालन को निर्बाध और सुरक्षित बनाए रखना रेलवे की पहली प्राथमिकता है और इसके लिए सड़क यातायात को सहयोग देना चाहिए।
अनदेखी बन सकती है दुर्घटना का कारण
उन्होंने यह भी चेताया कि यदि कोई व्यक्ति गेटमैन को ड्यूटी के दौरान बाधित करता है, तो यह रेलवे अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। इसके अलावा, ऐसी लापरवाही संभावित घातक दुर्घटनाओं को भी न्योता देती है।
रेलवे की अपील: नियमों का करें पालन
पूर्व रेलवे ने आम जनता से अपील की है कि जब भी लेवल क्रॉसिंग पर बजर बजे, सिग्नल लाल हो या गेट बंद हो रहा हो, उस स्थान से उचित दूरी बनाए रखें। ऐसा करने से न केवल ट्रेन संचालन सुचारू रहेगा, बल्कि सड़क यातायात भी व्यवस्थित बना रहेगा।
रेलवे प्रशासन का मानना है कि नियमों के पालन से ही ट्रेनों की समयपालनता और सड़क यातायात का समन्वय सुनिश्चित किया जा सकता है। इस दिशा में जागरूकता और सहयोग की आवश्यकता है, ताकि आमजन को सुरक्षित, सुगम और समयनिष्ठ यात्रा का अनुभव मिल सके।