मुम्बई
मामी मुम्बई फिल्म फेस्टिवल 2024 का समापन गुरुवार को भव्य पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जिसमें फिल्मकार अमित दत्ता की फ़िल्म (Rhythm of a Flower) को सर्वोच्च सम्मान स्वर्ण द्वार पुरस्कार से नवाज़ा गया। दक्षिण एशिया प्रतियोगिता की जूरी, जिसका नेतृत्व राडा सेसिक ने किया, ने इस फ़िल्म को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के योग्य समझा।
इसी प्रतियोगिता में अनुरबान दत्ता और अनुपमा श्रीनिवासन द्वारा निर्देशित ‘नॉक्टर्न्स’ को रजत द्वार पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस वर्ष की जूरी में क्लेरेंस त्सुई, केट लॉरी, जेरोम बैरन और मैरी फुगलस्टिन लेग्रीड जैसे प्रमुख सदस्य शामिल थे।
वहीं, राम रेड्डी की फिल्म ‘द फेबल’, जिसमें मनोज बाजपेयी मुख्य भूमिका में हैं, को विशेष जूरी पुरस्कार से नवाजा गया। मनोज बाजपेयी ने कहा, “हमने कोविड-19 से पहले इस फिल्म की शुरुआत की थी और फिर कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन हम सभी को फिल्म पर विश्वास था। मैं राम का धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने मुझे इस फिल्म के लिए चुना।”
इसके अलावा शुचि तलाटी की ‘गर्ल्स विल बी गर्ल्स’ को भी विशेष उल्लेख प्राप्त हुआ। यह फिल्म रिचा चड्ढा और अली फज़ल द्वारा निर्मित है और इसे NETPAC पुरस्कार के साथ फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड जेंडर सेंसिटिविटी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। फिल्म को पारंपरिक लिंग धारणाओं को चुनौती देने और नारीवाद पर गहरी नज़र डालने के लिए यह मान्यता मिली। साथ ही इसे राशिद ईरानी यंग क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड से भी नवाज़ा गया।
मामी 2024 के इस प्रतिष्ठित फेस्टिवल में फिल्मों की विविधता और कला के प्रति समर्पण की गहरी झलक देखने को मिली, जो आने वाले सालों में सिनेमा की दिशा को नए सिरे से परिभाषित करेगा।