आरटीआई के तहत जिला जज ने प्रथम अपील वाद में की सुनवाई
मुंगेर: कार्य में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु केन्द्र सरकार ने वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को लागू किया था।
आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 4 का अनुपालन (लोक प्राधिकारियों की बाध्यताएं) एवं वर्ष 2023 में संविदा पर बहाल होने वाला चीफ / डिप्टी/ सहायक लीगर एड डिफेंस काउंसिल,मुंगेर के संबंध में आवेदक पोद्दार ने लोक सूचना पदाधिकारी (पीआईओ) बालसा,पटना से 21 मार्च 2024 को विस्तृत सूचना मांगी।जहां से दोनों मामले को पीआईओ,डीएलएसए मुंगेर को 3 अप्रैल 2024 को हस्तांतरित किया गया।
मुक्तेश मनोहर,अवर न्यायाधीश सह सचिव सह पीआईओ,डीएलएसए ने 1 मई 2024 को आरटीआई एक्टिविस्ट व अधिवक्ता ओम प्रकाश पोद्दार को अपूर्ण सूचना उपलब्ध कराया।
पोद्दार ने पीआईओ के विरूद्ध में जिला जज सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार (सूचना का अधिकार) के समक्ष दोनों मामलों में 1 जून 2024 को प्रथम अपील वाद दायर किया।
बीते शुक्रवार को आलोक गुप्ता जिला जज सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार के प्रकोष्ठ में प्रथम अपील वाद आईडी संख्या 04/2024 एवं 05/2024 में अंतिम सुनवाई हुई ।सुनवाई के दौरान एक्टिविस्ट ओम प्रकाश पोद्दार ने तथ्यात्मक साक्ष्य रखा एवं बताया कि पीआईओ ने दोनों मामलों में याचित बिन्दूवार सूचना उपलब्ध नहीं करा कर बहाना गढ़ा।
अतः न्याय हित में वांछित सूचना उपलब्ध कराने का आदेश पीआईओ,डीएलएसए को दिया जाए।जिसपर जिला जज ने पोद्दार को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।