मुजफ्फरपुर

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने मुजफ्फरपुर में आयोजित निषाद संकल्प यात्रा के दौरान समाज को एकजुट होकर अपनी सरकार बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के अनुसार बिहार में निषाद समाज दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, लेकिन अभी तक वह अपनी ताकत को पूरी तरह से पहचान नहीं पाया है।

मुकेश सहनी, जिन्हें ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने संबोधन में कहा कि अब समय आ गया है जब निषाद समाज को बिहार की राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर ने हमें संविधान के जरिए वोट की वह ताकत दी है, जिसे कोई छीन नहीं सकता। हमें अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।”

सहनी ने मौजूदा एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सामंतवादियों की सरकार है, जो निषाद समाज को उनका हक नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षण न मिलने के कारण निषाद समाज का कोई भी बेटा ऊंचे पदों पर नहीं पहुंच पा रहा है, जबकि दूसरे समाज के लोग इसका पूरा लाभ उठा रहे हैं।

वीआईपी प्रमुख ने आगे कहा कि एक दशक पहले तक निषाद समाज की कोई पहचान नहीं थी, लेकिन आज वीआईपी पार्टी और निषाद विकास संघ ने इस समाज को नई पहचान दी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे आने वाले चुनाव में संगठित होकर अपनी ताकत दिखाएं और बिहार में निषाद समाज की सरकार बनाएं।

सहनी ने निषाद समाज के लोगों से शिक्षा पर जोर देने की अपील करते हुए कहा, “एक रोटी कम खाइए, लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा जरूर दिलाइए। यही आपके परिवार और समाज के विकास का रास्ता है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निषाद समाज ने अपनी एकजुटता नहीं दिखाई, तो एनडीए सरकार उनके साथ इसी तरह सौतेला व्यवहार करती रहेगी।

आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुकेश सहनी ने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है जब निषाद समाज को अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करनी होगी और अपने वोट की ताकत को पहचानकर नई सरकार का गठन करना होगा।

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