मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा— ‘हमारी सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध’

पटना। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर राजधानी पटना सामाजिक सौहार्द और समरसता का केंद्र बनी रही। एक ओर जहां जदयू की ओर से ‘भीम संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने ‘जय भीम पदयात्रा’ निकालकर संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि अर्पित की। दोनों आयोजनों में सामाजिक न्याय, समावेशिता और अंबेडकरवादी सोच को प्रमुखता दी गई।

बापू सभागार में आयोजित ‘भीम संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार सभी वर्गों—दलित, महादलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, मुस्लिम और सवर्ण—के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब की प्रेरणा से हम एक न्यायपूर्ण और समरस समाज की ओर अग्रसर हैं।”

नीतीश कुमार ने बाबासाहेब के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि जब वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे, तब उन्होंने डॉ. अंबेडकर के आवास का दौरा किया था और उनके परिजनों से मुलाकात की थी।

इस अवसर पर जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन, पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, बिहार सरकार के कई मंत्री और विधायक मौजूद रहे। कार्यक्रम में सामाजिक एकता और संविधान की मूल भावना को लेकर कई वक्ताओं ने विचार रखे।

उधर, गांधी मैदान से निकली ‘जय भीम पदयात्रा’ में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।

मांडविया ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि इस पदयात्रा में ‘MY भारत’ अभियान से जुड़े छह हजार से अधिक युवाओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि “बाबासाहेब के विचारों पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं। इस दिशा में युवाओं की भागीदारी अहम है।”

 

 

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