ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय बैठक: सरकार ने विपक्ष को दी जानकारी, राजनाथ सिंह ने किया बैठक की अध्यक्षता
पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बढ़े तनाव के बीच हुई अहम चर्चा
नई दिल्ली।
पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और उसके बाद की स्थिति को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस महत्वपूर्ण बैठक में सरकार और विपक्ष के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सरकार की ओर से मौजूद रहे। वहीं, विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी के सौगत रॉय, डीएमके के टी.आर. बालू सहित कई प्रमुख नेता बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में शामिल अन्य प्रमुख विपक्षी नेताओं में समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, आप के संजय सिंह, शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत, एनसीपी (शरद गुट) की सुप्रिया सुले, बीजेडी के सस्मित पात्र और माकपा के जॉन ब्रिटास शामिल रहे।
इसके अलावा जेडीयू नेता संजय झा, एलजेपी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान तथा एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी बैठक का हिस्सा बने।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ा एक्शन लिया। इस कार्रवाई में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित गढ़ और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित बेस प्रमुख हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने दी जानकारी
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि सरकार ने सभी दलों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए सभी दलों का सहयोग आवश्यक है।
पृष्ठभूमि: इससे पहले 24 अप्रैल को हुई थी पहली बैठक
गौरतलब है कि सरकार ने इससे पहले 24 अप्रैल को भी एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले को लेकर नेताओं को जानकारी दी गई थी। अब जबकि भारतीय सेना ने ठोस जवाबी कार्रवाई की है, तो इसके राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर सभी दलों को विश्वास में लिया गया है।
सुरक्षा को लेकर सभी दल एकजुट
बैठक के दौरान सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाई और सेना के साहसिक कदम की सराहना की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकार हर जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।