पाकिस्तान से आयात पर भारत की पूर्ण रोक, पानी समझौता भी निलंबित
पहलगाम हमले के बाद भारत ने उठाया बड़ा कदम, व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में आई दरार
नई दिल्ली, 3 मई।
पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सभी प्रकार के आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान के साथ वीज़ा, कूटनीतिक और जल समझौते जैसे महत्वपूर्ण संबंधों पर भी कठोर निर्णय किए हैं।
विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा 2 मई को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि “यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित को देखते हुए लगाया गया है। किसी भी प्रकार की छूट केवल सरकार की पूर्व स्वीकृति से ही मान्य होगी।”
पहलगाम हमला बना निर्णायक बिंदु
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आत्मघाती हमले में 27 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। भारत सरकार ने इस हमले के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ बताया है। इसके बाद भारत ने वीज़ा रद्द करना, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना, पाक विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र को बंद करना और दशकों पुराने सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।
पाकिस्तान की धमकी और व्यापार पर असर
पाकिस्तान ने भारत पर लगाए गए आरोपों को नकारते हुए पलटवार की चेतावनी दी है और कहा है कि यदि भारत सैन्य कार्रवाई करता है तो उसका जवाब दिया जाएगा। साथ ही पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंध भी समाप्त कर दिए हैं, भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और अपने हवाई क्षेत्र को भी बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि के निलंबन को “युद्ध की घोषणा” बताया है।
व्यापार पहले ही लगभग ठप
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिबंध प्रतीकात्मक अधिक है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार पहले से ही लगभग समाप्त हो चुका था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच पाकिस्तान से भारत का आयात घटकर मात्र 4.2 लाख डॉलर रह गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 28.6 लाख डॉलर था। वहीं, भारत से पाकिस्तान को निर्यात भी 1.1 अरब डॉलर से घटकर 44.77 करोड़ डॉलर पर आ गया है।
सिंधु जल संधि का निलंबन – एक बड़ा संकेत
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से बनी सिंधु जल संधि को अब तक दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रतीक माना जाता था। इसका निलंबन भारत की नीति में एक बड़े बदलाव को दर्शाता है। यह पहली बार है जब भारत ने पानी के मुद्दे पर इतनी गंभीर प्रतिक्रिया दी है।
तनावपूर्ण स्थिति में नहीं दिख रही सुलह की संभावना
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं। 1947 के विभाजन के बाद दोनों देश तीन युद्ध लड़ चुके हैं। सीमापार हमलों के बाद अक्सर हालात बिगड़ जाते हैं। पहलगाम हमला हाल के वर्षों में सबसे भयावह हमला साबित हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच एक बार फिर हालात बिगड़ते जा रहे हैं।