पाकिस्तानी हमले में तुर्की ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि, भारत ने दिया करारा जवाब
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया खुलासा, सीमा पार एयर डिफेंस सिस्टम तबाह

नई दिल्ली। भारत सरकार ने शुक्रवार को एक अहम खुलासा करते हुए बताया कि पाकिस्तान ने 8 मई की रात भारत पर किए गए हवाई हमलों में तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया था। यह जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी द्वारा संयुक्त प्रेस वार्ता में दी गई।

वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया कि हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन का मलबा जांच के बाद यह प्रमाणित हुआ है कि वे तुर्की के ‘अस्सीसगार्ड सोंगर’ मॉडल के UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) थे, जिनका सामान्यतः प्रयोग निगरानी और सटीक हमलों के लिए किया जाता है।

प्रेस वार्ता में विंग कमांडर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान सेना ने 8 और 9 मई की दरम्यानी रात में भारतीय हवाई सीमा का व्यापक उल्लंघन किया। ये घुसपैठ जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात के सर क्रीक तक फैली थीं, जिनमें लगभग 300 से 400 ड्रोन और अन्य हवाई प्लेटफॉर्म शामिल थे।

लक्ष्य था भारत की एयर डिफेंस क्षमता की जांच

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बड़े पैमाने पर की गई ड्रोन गतिविधियों का उद्देश्य भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली की जांच करना और सामरिक खुफिया जानकारी एकत्र करना था। इन हमलों में 36 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें से कई महत्वपूर्ण सैन्य अड्डे थे।

सबसे गंभीर घटना पंजाब के बठिंडा सैन्य स्टेशन पर हुई, जहां एक सशस्त्र ड्रोन हमला करने ही वाला था, लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने समय रहते उसे मार गिराया।

भारत की जवाबी कार्रवाई में पाक रडार ध्वस्त

भारतीय सेना ने इन हमलों का त्वरित और कठोर जवाब देते हुए सीमा पार चार पाकिस्तानी एयर डिफेंस ठिकानों को लक्षित किया। सूत्रों के अनुसार, इनमें से एक ठिकाने पर भारत द्वारा भेजे गए सशस्त्र ड्रोन ने पाकिस्तान की रडार प्रणाली को पूरी तरह नष्ट कर दिया।

 

 

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