परशुराम जयंती पर समाज एकता का संदेश, जमालपुर में धूमधाम से हुआ आयोजन
— संवाददाता, जमालपुर
जमालपुर। भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर मारवाड़ी धर्मशाला परिसर भक्ति भाव और सामाजिक एकता के रंग में रंग गया। बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, शाखा जमालपुर के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना से हुई। पूजा के मुख्य यजमान संजय शर्मा थे जबकि पूजन कार्य ब्राह्मण शिवशंकर पाठक द्वारा विधिवत संपन्न किया गया। पूजा उपरांत प्रसाद वितरण किया गया।
इस मौके पर शाखा अध्यक्ष शंकरलाल शर्मा और संचालन मंत्री अरविंद जलान ने संयुक्त रूप से कहा कि भगवान परशुराम न केवल भगवान विष्णु के छठे अवतार थे, बल्कि उन्होंने समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। वे संपूर्ण हिन्दू समाज के लिए आदर्श हैं, न कि किसी एक वर्ग विशेष के।
जयशंकर शर्मा और राजकुमार शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि परशुराम जी का जीवन समरसता और न्याय का प्रतीक है। उन्होंने राम और कृष्ण काल में भी अपनी उपस्थिति से धर्म की रक्षा की, यही कारण है कि वे चिरंजीवी माने जाते हैं। श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र देने की कथा उनकी विद्वता और तप का प्रमाण है।
कार्यक्रम में संजय मेहारिया, पप्पू शर्मा, महेश खेतान, सुजीत संघई, प्रकाश पंसारी, अनिल शर्मा, डॉ. अशोक शर्मा, विमल शर्मा, विपिन टोला, शंभू शर्मा, राजू मेहारिया, अंकित संघई सहित रानी सती मंदिर समिति, श्री श्याम बहा मंदिर समिति और श्री महामाया शक्तिधाम मंदिर समिति के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।
समारोह के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि भगवान परशुराम का आदर्श आज भी सामाजिक एकता, न्याय और धर्म की रक्षा के लिए प्रासंगिक है।