प्लास्टिक मुक्त रेलवे की ओर मालदा मंडल का संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस पर जागरूकता अभियान के तहत यात्रियों को दिया स्वच्छता और पृथक्करण का संदेश
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें” को लेकर पूर्व रेलवे के मालदा मंडल ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंडल के मालदा टाउन, भागलपुर और जमालपुर स्टेशनों पर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों और स्टेशन परिसरों में कार्यरत वेंडरों को प्लास्टिक कचरे के निस्तारण की विधियों और स्रोत पर कचरा पृथक्करण के महत्व की जानकारी दी गई।
मालदा मंडल रेल प्रबंधक श्री मनीष कुमार गुप्ता के नेतृत्व में चलाए गए इस विशेष अभियान में रेलवे के पर्यावरण एवं हाउसकीपिंग प्रबंधन (EnHM) विभाग ने सक्रिय भूमिका निभाई। अधिकारियों ने यात्रियों को रंग-बिरंगे डस्टबिन का महत्व बताया—जैव-अपघटक और अजैव-अपघटक कचरे को अलग-अलग फेंकने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया।
जमालपुर स्टेशन पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाकर ट्रैक से प्लास्टिक कचरा हटाया गया, वहीं एक संगोष्ठी के माध्यम से कर्मचारियों और यात्रियों को पर्यावरणीय संकट और प्लास्टिक प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया गया। भागलपुर स्टेशन पर प्लास्टिक कचरे के मूल्यांकन, संग्रहण और वैज्ञानिक निपटान की विधियों पर चर्चा की गई और वहाँ मौजूद लोगों को जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया।
मालदा टाउन स्टेशन पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में अधिकारियों ने यात्रियों से सीधा संवाद स्थापित किया। स्वच्छता बनाए रखने और पर्यावरण के प्रति सजग रहने का आह्वान करते हुए उन्हें जानकारीपरक पुस्तिकाएं भी वितरित की गईं। अधिकारियों का स्पष्ट संदेश था कि कचरे का सही ढंग से निस्तारण केवल स्वच्छता के लिए ही नहीं, बल्कि रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होता है।
रेलवे कर्मचारियों, अधिकारियों और यात्रियों की सहभागिता से यह अभियान न केवल एक सफल जन-जागरूकता प्रयास बना, बल्कि यह मालदा मंडल की प्लास्टिक मुक्त रेलवे की दिशा में मजबूत प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
मंडल रेल प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे इस हरित पहल में भाग लें और स्वच्छ, सतत एवं पर्यावरण-सम्मत रेलवे व्यवस्था के निर्माण में सहयोग करें। पर्यावरण की रक्षा में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका अहम है और एक छोटी-सी आदत भी बड़े परिवर्तन की नींव बन सकती है।