चाईबासा
चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा प्रहार करते हुए इन्हें जनजातीय समाज के सबसे बड़े विरोधी करार दिया। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि इन दलों ने जनजातीय समाज को हमेशा उपेक्षित किया और उनके साथ अन्याय किया है।
प्रधानमंत्री ने सभा में कहा, “कांग्रेस ने केंद्र में सरकार के दौरान जनजातीय समाज पर गोलियां चलवाईं। ये वही कांग्रेस है जिसने अंग्रेजों की तरह जनजातीयों की आवाज़ को कुचलने का काम किया। वहीं, झामुमो और राजद की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। राजद ने पहले कहा था कि झारखंड उनके ‘शवों’ पर बनेगा, लेकिन अब झामुमो उसी राजद की गोद में जा बैठा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वोट बैंक की राजनीति में घुसपैठियों को संरक्षण दिया है। उन्होंने कहा, “घुसपैठिए झारखंड की रोटी, बेटी और मिट्टी को छीन रहे हैं। झारखंड की पहचान खतरे में है, और इसे बचाने के लिए भाजपा सरकार का होना जरूरी है।”
मोदी ने आगे कहा कि भाजपा और एनडीए जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जनजातीय समाज का बिना समुचित विकास किए, भारत का विकास संभव नहीं है। भाजपा ने हमेशा जनजातीय समाज को नेतृत्व के अवसर दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने कभी किसी जनजातीय को पार्टी अध्यक्ष नहीं बनाया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस जनजातीय बेटियों का भी अपमान करने से नहीं हिचकते। “झारखंड में एक कांग्रेस नेता ने सीता सोरेन के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया, वह निंदनीय है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर चुप्पी साध रखी है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने हमेशा जनजातीय स्वाभिमान को प्राथमिकता दी है। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में झारखंड को राज्य का दर्जा मिला और हाल के वर्षों में भाजपा ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ घोषित किया। उन्होंने कहा कि अगर झारखंड में भाजपा की सरकार बनी तो हो भाषा सहित अन्य जनजातीय भाषाओं को सम्मान मिलेगा।
अंत में, मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए ‘गोगो दीदी योजना’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस योजना ने झारखंड में माताओं और बहनों को नया उत्साह दिया है।