जातीय जनगणना पर साधा निशाना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शनिवार को पटना पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इस दौरान राजनीतिक रणनीतियों पर चर्चा हुई।
इससे पहले, राहुल गांधी ने ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ को संबोधित किया, जहां उन्होंने बिहार में हुई जातीय जनगणना को ‘फर्जी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह जनगणना जमीनी सच्चाई को नहीं दर्शाती और एक समावेशी नीति बनाने के लिए पूरे देश में एक वास्तविक जातीय जनगणना कराना जरूरी है।
“जातीय जनगणना की सच्चाई सामने आनी चाहिए”
राहुल गांधी ने कहा, “बिहार में जो जातीय जनगणना हुई है, वह झूठी है। पूरे देश में सही आंकड़ों के आधार पर जातीय जनगणना होनी चाहिए। कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में उठाएगी और लोकसभा-राज्यसभा में इसे पारित कराने के लिए पूरी ताकत लगाएगी। हम 50% आरक्षण की सीमा हटाने के लिए भी संघर्ष करेंगे।”
इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पिछड़ी जातियों और दलितों को केवल नाममात्र की भागीदारी देती है, लेकिन असली सत्ता अपने लोगों के हाथों में रखती है।
संविधान और आरएसएस पर हमला
राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने 15 अगस्त 1947 के महत्व पर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस संविधान और महात्मा गांधी-अंबेडकर की विचारधारा को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है।
“हम चाहते हैं कि संविधान की आत्मा गंगा की धारा की तरह देश के हर व्यक्ति और संस्थान तक पहुंचे,” राहुल गांधी ने कहा।
जदयू का पलटवार, लालन सिंह ने बताया “फर्जी बयानबाजी”
राहुल गांधी के जातीय जनगणना पर दिए बयान पर जदयू नेता व केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ लालन सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी खुद ही फर्जी बयानबाजी के नेता हैं। बिहार में जातीय जनगणना उन्हीं की सहयोगी सरकार ने कराई थी, अब उसी पर सवाल खड़ा करना उनकी दोहरी राजनीति को दर्शाता है।”
राहुल गांधी के बिहार दौरे के दौरान बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षार्थियों के प्रदर्शन भी जारी रहे, जिससे राज्य की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई।