आमजन से किया आंदोलन में भाग लेने का आह्वान
जमालपुर
केंद्र सरकार द्वारा रेलवे वर्कशॉप और लोकोशेड के संचालन और रखरखाव को निजी हाथों में सौंपने की योजना का जमकर विरोध हो रहा है। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सह जमालपुर रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा के संयोजक पप्पू यादव ने इसे देश की रेलवे सेवा पर बड़ा हमला बताते हुए कहा कि अगर जनता इस फैसले के खिलाफ नहीं खड़ी हुई तो इसके गंभीर परिणाम आने वाले वर्षों में देखने को मिलेंगे।
जनता को झेलना होगा नुकसान
पप्पू यादव ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने लगभग 700 रेलवे कारखानों और 300 लोकोशेड को निजीकरण के तहत पीएसयू के हवाले करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। 28 नवंबर को इस संबंध में रेलवे के सभी महाप्रबंधकों को एक पत्र भी जारी किया गया है। वित्त निदेशालय ने इस योजना को मंजूरी दे दी है, और आगामी बजट में इसकी औपचारिक घोषणा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जमालपुर, जो रेलवे के पहले कारखाने और डीजल शेड के लिए प्रसिद्ध है, इस फैसले से सबसे अधिक प्रभावित होगा।
रेल नगरी की पहचान पर संकट
यादव ने कहा कि जमालपुर की पहचान ‘रेल नगरी’ के रूप में है, और यह शहर रेलवे के बिना अधूरा है। निजीकरण से न केवल इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार पर भी खतरा मंडराएगा। उन्होंने इसे क्षेत्र की जीवन रेखा पर हमला बताया।
आंदोलन के लिए की अपील
पप्पू यादव ने क्षेत्र की जनता से केंद्र सरकार के इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने और संघर्ष मोर्चा द्वारा घोषित आंदोलन, धरना प्रदर्शन और चक्का जाम को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आर-पार की होगी और इसमें हर व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है।
निजीकरण से कौन होगा लाभान्वित?
उन्होंने सवाल उठाया कि यह फैसला किसके हित में है और इसका लाभ कौन उठाएगा। उन्होंने कहा कि रेलवे जैसी जनसेवा को निजी हाथों में सौंपना सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करता है।
मोर्चा की तैयारी
संघर्ष मोर्चा जल्द ही इस मुद्दे पर जनसभा आयोजित करेगा और जनता को इस आंदोलन से जोड़ने का प्रयास करेगा। पप्पू यादव ने कहा कि यह केवल रेलवे कर्मचारियों का ही नहीं, बल्कि आम जनता का भी मुद्दा है, और इसके खिलाफ एकजुट होना समय की मांग है।