राजद में नेतृत्व परिवर्तन की दस्तक
मंगनी लाल मंडल ने किया प्रदेश अध्यक्ष पद का नामांकन, जगदानंद सिंह की विदाई तय
पटना | राजनीतिक संवाददाता
राजद की सियासत में बड़ा बदलाव अब औपचारिक होता नजर आ रहा है। पटना स्थित राजद कार्यालय में शनिवार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के तहत पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और सांसद मीसा भारती सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
मंडल के नामांकन के साथ ही यह लगभग तय हो गया है कि जगदानंद सिंह का अध्यक्ष पद से विदाई का रास्ता साफ हो चुका है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो मंगनी लाल मंडल को निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना अब महज औपचारिकता भर है, क्योंकि राजद में परंपरागत रूप से आंतरिक चुनाव की प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती है।
राजनीतिक समीकरण साधने की तैयारी
माना जा रहा है कि मंगनी लाल मंडल की ताजपोशी राजद की रणनीतिक सोच का हिस्सा है, जिसके जरिए पार्टी अति पिछड़ा वर्ग और मधेशी समुदाय को साधने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। 19 जून को प्रस्तावित राज्य परिषद की बैठक में उनके नाम की औपचारिक मुहर लगने की उम्मीद है।
राजनीति में लंबा अनुभव
मंगनी लाल मंडल बिहार के अनुभवी नेताओं में गिने जाते हैं। वे 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे, इस दौरान वे राज्य सरकार में मंत्री भी बने। 2004 से 2009 तक राज्यसभा सांसद रहे और बाद में झंझारपुर से लोकसभा सांसद भी चुने गए।
राजद के पुराने सहयोगी रहे मंडल कुछ वर्षों के लिए जदयू में शामिल हो गए थे, लेकिन जनवरी 2024 में उन्होंने पुनः राजद की सदस्यता ग्रहण की। उस वक्त तेजस्वी यादव ने उनका पार्टी में खुले दिल से स्वागत किया था।
नामांकन के बाद मंगनी लाल मंडल ने कहा, “लालू यादव हमारे नेता हैं, सामाजिक न्याय की लड़ाई के प्रेरणास्रोत हैं। मैं वापस उसी संघर्षशील धारा में लौट आया हूं, जहां से राजनीति की शुरुआत की थी।”
जदयू पर साधा निशाना
उन्होंने जदयू छोड़ने के पीछे आंतरिक लोकतंत्र की कमी को कारण बताया और कहा कि “मुझे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन कोई काम नहीं सौंपा गया। वहां सम्मान नहीं मिला, अब फिर से लालू जी के नेतृत्व में जनसेवा करूंगा।”
राजद में यह बदलाव ऐसे वक्त में आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में मंगनी लाल मंडल की नियुक्ति को सामाजिक समीकरणों को मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।