झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को राज्य भाजपा द्वारा आयोजित ‘युवा आक्रोश यात्रा’ के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसमें दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता और पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का सहारा लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, झारखंड के विभिन्न जिलों से सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान में इकट्ठा हुए थे, जहां से उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निवास की ओर मार्च करना शुरू किया। हालांकि, पुलिस और जिला प्रशासन ने पहले ही क्षेत्र को एक किले में तब्दील कर दिया था, जहां 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने मार्च शुरू किया, तो उन्हें पुलिस द्वारा रोक दिया गया। पुलिस ने सड़क पर कंटीली तारों से बैरिकेडिंग कर रखी थी और दंगा निरोधी वाहनों के साथ तैनात थी। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की गई, जिसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष हुआ। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। पुलिस का आरोप है कि दूसरी तरफ से पत्थरबाजी होने के कारण उनके कई जवान घायल हो गए।
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस उन भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी जिन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी कर उन्हें घायल किया।
इस बीच, राज्य भाजपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मोरहाबादी मैदान में उनके भाषण के दौरान 7-8 आंसू गैस के गोले छोड़े गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ आंसू गैस के गोले मंच के पास ही दागे गए थे।
मरांडी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हेमंत सोरेन सरकार के हर दमनकारी कदम का माकूल जवाब देगी और युवाओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।
झारखंड भाजपा प्रमुख ने आज रांची आने से रोके गए युवाओं/बेरोजगारों के खिलाफ “अलोकतांत्रिक तरीके” से किए गए पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि आंसू गैस छोड़कर और उनके संबोधन के दौरान अवरोध उत्पन्न करके जनता को उकसाने का प्रयास किया गया है।