पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को मंगलवार को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सोमवार को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में संदीप घोष की गिरफ्तारी के बाद की गई।

संदीप घोष को निलंबित करने का फैसला उस घटना के 26 दिन बाद लिया गया है, जब 9 अगस्त को राज्य संचालित आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। उस महिला डॉक्टर की ड्यूटी के दौरान कथित रूप से बलात्कार और हत्या की गई थी।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निलंबन आदेश में कहा गया, “प्रोफेसर (डॉ) संदीप घोष के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के मद्देनजर, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”

इससे पहले, 23 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) से लेकर सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। यह आदेश अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ. अख्तर अली की याचिका के बाद आया, जिसमें उन्होंने घोष के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था।

संदीप घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के रूप में सेवा दी थी। उन्हें अक्टूबर 2023 में वहां से स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन अज्ञात कारणों से एक महीने के भीतर वह फिर से उसी पद पर वापस आ गए। वे अस्पताल के प्राचार्य के रूप में उस दिन तक कार्यरत थे, जब महिला डॉक्टर का शव मिला था।

घोष के अलावा, सीबीआई ने सोमवार को इसी मामले में तीन अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया, जिनमें उनका सुरक्षा गार्ड और दो आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। सभी चारों आरोपियों को आठ दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजा गया है।

यह निलंबन और गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य प्रणाली में बड़े पैमाने पर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की ओर इशारा करती है, जिससे राज्य में हड़कंप मच गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *