विपक्ष और सरकार के बीच तीखा टकराव
नई दिल्ली।
लोकसभा में शुक्रवार को संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर दो दिवसीय विशेष चर्चा की शुरुआत हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार का पक्ष रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चर्चा का समापन करेंगे और विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे।
चर्चा का मुख्य उद्देश्य 26 नवंबर 1949 को संविधान अंगीकार होने के बाद इसके महत्व और विकास पर विचार करना है। हालांकि, यह चर्चा सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते तनाव के बीच हो रही है। कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अडानी विवाद से जोड़ते हुए जवाब मांग रही है। दूसरी ओर, सत्तापक्ष कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के बीच कथित संबंधों पर जवाब चाहता है।
चर्चा के दौरान भाजपा और सहयोगी दलों के 12-15 सांसद अपने विचार रखेंगे, जिनमें कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे और जीतन राम मांझी शामिल हैं। वहीं, विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस चर्चा में अडानी विवाद को लेकर सरकार पर तीखा हमला करेंगे।
राज्यसभा में सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष की ‘संविधान बचाओ’ अपील पर सरकार का पक्ष रखेंगे। यह नारा विपक्ष ने लोकसभा चुनावों से पहले सरकार की नीतियों को संविधान के लिए खतरा बताते हुए दिया था।
भाजपा और कांग्रेस ने अपने सांसदों के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी किया है, जिसमें 13-14 दिसंबर को सदन में अनिवार्य उपस्थिति का निर्देश दिया गया है।