मुंगेर

बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से संगीत प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी स्मृति में बिहार फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (बफ्टा) की ओर से मुंगेर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बफ्टा के कई प्रमुख सदस्यों ने भाग लेकर महान लोकगायिका को याद किया और श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

इस सभा में बफ्टा के कोषाध्यक्ष मधुसूदन आत्मीय, सचिव प्रमोद कुमार निराला, संस्थापक अध्यक्ष राजन कुमार, राजवीर सिंह, कल्पना, सुबोध कुमार छवि, विनोद कुमार बूंद, और राम कुमार जैसे कलाकारों ने हिस्सा लिया। सभी ने शारदा सिन्हा के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सभा के दौरान अभिनेता राजन कुमार ने कहा, “शारदा सिन्हा जी का योगदान अविस्मरणीय है। जब तक सूरज-चांद रहेगा, उनकी मधुर आवाज की गूंज हमेशा लोगों के दिलों में बनी रहेगी।” राजन कुमार ने बताया कि 2016 में राजपथ पर निकले बिहार के टैब्लो में युवा गांधी का किरदार निभाने के बाद, शारदा सिन्हा उनसे बेहद प्रभावित हुई थीं। उन्होंने चंपारण के गांधी जी के आगमन से जुड़े कई गीतों को अपनी आवाज दी थी, जो आज भी लोगों की स्मृतियों में बसे हुए हैं।

शारदा सिन्हा ने मैथिली, भोजपुरी और अन्य कई भारतीय भाषाओं में लोकगीत गाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने बॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्मों जैसे मैंने प्यार किया और हम आपके हैं कौन में भी अपनी आवाज से लोकगीतों को जीवंत किया। बफ्टा की पूरी टीम ने इस मौके पर कहा कि शारदा सिन्हा का जाना बिहार के संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

शारदा सिन्हा के अवसान से बिहार के लोकसंगीत को लगा बड़ा आघात, संगीत जगत में शोक की लहर

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