शरिया विवाद पर सियासी घमासान : भाजपा ने राज्यपाल से की मंत्री हफीजुल हसन को बर्खास्त करने की मांग
रांची।
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के ‘शरिया सर्वोपरि’ बयान को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजधानी रांची में ज़िला स्कूल से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
दरअसल, सोमवार को एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में मंत्री हफीजुल हसन ने कहा था, “हमारे लिए शरिया अधिक महत्वपूर्ण है। मुसलमान अपने दिल में क़ुरान और हाथ में संविधान रखते हैं। इसलिए हमारे लिए पहले शरिया और फिर संविधान आता है।”
हसन के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बाबूलाल मरांडी ने बयान को असंवैधानिक और राष्ट्रविरोधी करार देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भाजपा झारखंड में शरिया क़ानून थोपने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी। हम बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान की रक्षा के लिए हरसंभव लड़ाई लड़ेंगे।”
मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चेतावनी भी दी थी कि यदि मंत्री को पद से नहीं हटाया गया तो भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।
भाजपा नेताओं ने हसन के बयान को संविधान और अंबेडकर दोनों का अपमान बताते हुए कहा कि ऐसे मंत्री का पद पर बने रहना लोकतंत्र के लिए घातक है।