भारतीय समानांतर सिनेमा के प्रमुख स्तंभ रहे बेनेगल, 90 वर्ष की आयु में कहा अलविदा

भारतीय सिनेमा के महान निर्देशक और समानांतर सिनेमा के जनक माने जाने वाले श्याम बेनेगल का सोमवार, 23 दिसंबर को निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। भारतीय फिल्म उद्योग में उनकी यात्रा 62 वर्षों तक चली, जिसमें उन्होंने सिनेमा को नया आयाम दिया।

श्याम बेनेगल ने मंथन, निशांत, भूमिका और जुबैदा जैसी शानदार और प्रभावशाली फिल्में दीं। वे अपनी कला के माध्यम से समाज के ज्वलंत मुद्दों को उजागर करने के लिए जाने जाते थे। उनके योगदान को 18 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, एक फिल्मफेयर पुरस्कार और नंदी पुरस्कार जैसे अनेक सम्मान मिले।

उच्चतम सम्मान से सम्मानित

श्याम बेनेगल को 2005 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा, उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया।

समानांतर सिनेमा के जनक

1970 के दशक के बाद श्याम बेनेगल भारतीय समानांतर सिनेमा के प्रमुख स्तंभ बनकर उभरे। उनकी फिल्में सामाजिक यथार्थ और संवेदनशीलता का अनूठा संगम थीं। उन्होंने न केवल भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि नए फिल्मकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने।

श्याम बेनेगल का निधन भारतीय सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी अनुपस्थिति में सिनेमा की दुनिया उनके योगदान को हमेशा याद रखेगी।

 

रिपोर्ट: अनिरुद्ध नारायण
(मीडिया छात्र, पटना)

 

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