सिंदूर मिटाने वालों को अब पता चल चुका है अंजाम: पीएम मोदी
‘न युद्ध का युग है, न आतंक का’— पीएम मोदी का ऐलान, आतंक पर भारत की निर्णायक नीति स्पष्ट

नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद देश को संबोधित करते हुए आतंक के खिलाफ भारत की नई रणनीति का खुला ऐलान किया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को नारी शक्ति को समर्पित बताते हुए कहा कि अब आतंकवाद का हर वार युद्ध के रूप में गिना जाएगा और उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने यह संबोधन संघर्षविराम के तीसरे दिन दिया, जब चार दिनों की सीमा पार झड़पों के बाद युद्धविराम की स्थिति बनी थी। उन्होंने कहा, “ये न युद्ध का युग है, न आतंक का। लेकिन अगर कोई आतंक की भाषा बोलेगा, तो भारत अब चुप नहीं रहेगा। हमारी चुप्पी अब इतिहास है।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ बना निर्णायक मोड़

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 24 भारतीय पर्यटक, एक नेपाली नागरिक और एक कश्मीरी टट्टूवाला शामिल था। आतंकी हमले से गुस्साए देश ने जबाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अभियान केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि न्याय की घोषणा है। उन्होंने कहा, “आतंकियों ने हमारी बहनों के माथे से सिंदूर मिटाने की कोशिश की थी। इसलिए भारत ने उनका नामोनिशान मिटा दिया। पाकिस्तान की धरती पर घूम रहे 100 से अधिक आतंकियों को खत्म कर दिया गया है।”

पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी

पीएम मोदी ने पाकिस्तान को सीधे शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अब भारत सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “हमारे मिसाइल और ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नहीं, उनके हौसले को भी मिटा दिया। उनके एयरबेस और ऑपरेशनल हब तबाह हो गए। अब उन्हें शांति की भीख मांगनी पड़ी।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत की नीति अब स्पष्ट है— न सिर्फ आतंकी हमलों का जवाब देंगे, बल्कि आतंक को जड़ से खत्म करने तक पीछे नहीं हटेंगे।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ नारी सम्मान की रक्षा का प्रतीक

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को देश की महिलाओं को समर्पित करते हुए कहा, “ये सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारतीय नारी के सम्मान की रक्षा की प्रतिज्ञा है। अब भारत अपनी बहनों के माथे से सिंदूर मिटाने की कोशिश करने वालों को जिंदा नहीं छोड़ेगा।”

नया भारत, नई नीति

प्रधानमंत्री के इस भाषण से साफ हो गया है कि अब भारत की आतंकवाद पर नीति में बदलाव आ चुका है। पहले जहां संयम को ताकत माना जाता था, अब जवाबी कार्रवाई ही नई परिभाषा बन चुकी है।

भारत अब ना तो सहन करेगा, ना ही क्षमा करेगा।

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