नई दिल्ली
लद्दाख की मांगों को लेकर चल रही भूख हड़ताल को सोमवार को समाप्त कर दिया गया। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से वार्ता फिर से शुरू करने के आश्वासन के बाद अपनी 16 दिनों की भूख हड़ताल तोड़ दी। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख विभाग, प्रशांत लोखंडे ने दिल्ली स्थित लद्दाख भवन में भूख हड़ताल कर रहे प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उन्हें मंत्रालय का पत्र सौंपा।
पत्र में उल्लेख किया गया कि गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति, जो लद्दाख के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही है, आगामी 3 दिसंबर को उनसे फिर से मिलेगी। इस आश्वासन के बाद वांगचुक और उनके साथियों ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया।
वांगचुक ने कहा, “हमारी मुख्य अपील पूरी हो गई है। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्वयं यहां आए और वार्ता को जल्द से जल्द शुरू करने का वादा किया। हमें उम्मीद है कि लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ होने वाली वार्ताओं का नतीजा लद्दाख और पूरे देश के लिए सकारात्मक होगा।”
लद्दाख बौद्ध संघ के अध्यक्ष चेरींग दोरजे लाकरुक ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन असली उपलब्धि वार्ता के सार्थक परिणाम से ही होगी। वहीं, लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा ने भी वार्ताओं से सकारात्मक समाधान की उम्मीद जताई।
सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों ने संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग को लेकर सितंबर में लेह से दिल्ली तक मार्च किया था। 30 सितंबर को दिल्ली पहुंचने पर उन्हें कुछ समय के लिए पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया।