सशस्त्र बलों के सम्मान में विशेष सत्र बुलाने की मांग: तेजस्वी यादव
शहीद बीएसएफ अधिकारी के परिजनों से मिले तेजस्वी, कहा – संसद में हो वीर जवानों का सम्मान

पटना
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को केंद्र सरकार से मांग की कि हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ भारत की सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में दिखाए गए साहस और बलिदान को देखते हुए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि “देश की सेना ने आतंकियों को करारा जवाब दिया है। ऐसे में कम से कम एक विशेष संसद सत्र बुलाकर उनकी बहादुरी को सलाम किया जाना चाहिए और बलिदान के लिए धन्यवाद देना चाहिए।”

तेजस्वी यादव ने यह बयान उस वक्त दिया जब वे जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के परिजनों से मिलने पहुंचे।

“कल मैंने उनके बेटे से मुलाकात की थी, आज परिवार के अन्य सदस्यों से मिलकर अपनी संवेदनाएं प्रकट करूंगा। हमें गर्व है कि बिहार का एक बेटा देश की सुरक्षा में शहीद हुआ।” तेजस्वी ने कहा।

शहीद सब-इंस्पेक्टर इम्तियाज बिहार के छपरा जिले के निवासी थे और शनिवार को पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में वीरगति को प्राप्त हुए।

विपक्ष के कई नेताओं ने भी केंद्र से मांग की है कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाकर पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच हुई संघर्षविराम की घोषणा पर चर्चा की जाए।

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार सुबह जालंधर स्थित अदमपुर एयरबेस का दौरा किया और वायु सैनिकों से मुलाकात कर उनकी वीरता की सराहना की।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज सुबह अदमपुर एयरबेस जाकर हमारे वायु सैनिकों से मिला। साहस, संकल्प और निर्भयता का प्रतीक ये जवान हमारे देश की असली ताकत हैं। भारत सदैव इनके बलिदान के लिए ऋणी रहेगा।”

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर संयुक्त कार्रवाई की।

इस सैन्य अभियान में 100 से अधिक आतंकियों का सफाया किया गया, वहीं पाकिस्तान की 11 एयरबेस पर भी सटीक हमले कर भारी नुकसान पहुंचाया गया। सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई में नागरिक क्षति को न्यूनतम रखने का विशेष ध्यान रखा गया।

प्रधानमंत्री ने अपने राष्ट्र को संबोधन में कहा था, “अब हर आतंकी संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।”

 

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