तेज प्रताप को पार्टी से निकाले जाने पर JDU का हमला : “सदस्यता रद्द करें, शब्दों का खेल मत खेलें”

पटना।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किए जाने और पारिवारिक रिश्तों से नाता तोड़ने के फैसले ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है। इस मुद्दे पर जेडीयू ने तीखा हमला बोला है और तेज प्रताप की विधायकी समाप्त करने की मांग उठाई है।

जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने कहा, “तेज प्रताप यादव लालू यादव के बेटे हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने अनुशासनहीनता की है। जब पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती के साथ अन्याय हुआ, तब लालू यादव चुप थे। आज अचानक उनका जमीर कैसे जाग गया?”

नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा, “तेजस्वी को विधानसभा में पत्र लिखकर तेज प्रताप की सदस्यता रद्द करवानी चाहिए। लालू कह रहे हैं कि तेज प्रताप को घर और पार्टी से निकाल दिया गया है, जबकि तेजस्वी कहते हैं कि वह मेरे बड़े भाई हैं। यह शब्दों का खेल नहीं चलेगा, सदस्यता सीधी तौर पर खत्म की जानी चाहिए।”

राजनीतिक नाटक या पारिवारिक कलह?

तेज प्रताप को निकाले जाने की वजह एक फेसबुक पोस्ट को बताया जा रहा है, जिसमें उनके एक महिला के साथ रिश्ते का दावा किया गया था। हालांकि, तेज प्रताप ने सफाई दी कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था और उनकी तस्वीरें एडिट कर वायरल की गईं।

गौरतलब है कि तेज प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती ऐश्वर्या राय से शादी की थी, लेकिन कुछ ही महीनों में वह ससुराल छोड़कर चली गईं। ऐश्वर्या ने तेज प्रताप और उनके परिवार पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। दोनों के बीच तलाक का मामला कोर्ट में लंबित है।

लालू का स्पष्ट संकेत : निजी आचरण से सार्वजनिक संघर्ष कमजोर होता है

लालू यादव ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “बड़े बेटे की गतिविधियाँ, सार्वजनिक आचरण और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक संस्कारों और मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं। व्यक्तिगत जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी सामाजिक न्याय की हमारी सामूहिक लड़ाई को कमजोर करती है।”

उन्होंने आगे कहा, “इसलिए इन परिस्थितियों को देखते हुए मैं उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से अलग करता हूँ। अब से उनका कोई संबंध पार्टी या परिवार से नहीं रहेगा। वे अब स्वतंत्र हैं, और जो लोग उनसे संबंध रखना चाहें, वे अपनी मर्जी से निर्णय लें।”

जदयू का तीखा कटाक्ष : “बेटी का सम्मान, राजनीति से पहले संस्कृति”

नीरज कुमार ने इस पूरे मामले को एक ‘राजनीतिक ड्रामा’ करार देते हुए कहा, “जब दरोगा राय की पोती को घर से निकाल दिया गया था, तब आपके संस्कार कहाँ थे? आज अचानक नैतिकता का पाठ क्यों पढ़ा जा रहा है? यह कैट एंड माउस गेम बंद होना चाहिए। बेटी का सम्मान इस देश की संस्कृति है, सिर्फ राजनीति नहीं।”

 

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