ट्रेनों की लेटलतीफी का कारण बन रहा ‘अलार्म चेन’ का दुरुपयोग, पूर्व रेलवे ने जताई सख्त नाराज़गी
कोलकाता, 27 मई (संवाददाता):
पूर्व रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों की बार-बार हो रही देरी पर चिंता जताते हुए ‘अलार्म चेन पुलिंग’ (एसीपी) की घटनाओं को इसकी मुख्य वजह बताया है। बिना आपातकालीन कारण के यात्री जिस तरह से इस सुरक्षा तंत्र का दुरुपयोग कर रहे हैं, वह न केवल ट्रेन परिचालन को बाधित कर रहा है बल्कि हजारों यात्रियों के समय, कार्यक्रम और जरूरी कार्यों पर भी असर डाल रहा है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, अप्रैल 2024 से अब तक बिना उचित कारण के एसीपी खींचने के कुल 2,196 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 1 अप्रैल 2025 से 25 मई 2025 के बीच 314 घटनाएं शामिल हैं, जो दर्शाती हैं कि यात्रियों में अब भी जागरूकता की भारी कमी है।
पूर्व रेलवे द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 785 मेल/एक्सप्रेस और 105 पैसेंजर ट्रेनें सिर्फ एसीपी के दुरुपयोग के कारण समय पर नहीं चल सकीं। इसी तरह, चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआती अवधि (1 अप्रैल से 25 मई तक) में 114 मेल/एक्सप्रेस व 14 पैसेंजर ट्रेनें प्रभावित हुईं हैं।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि एसीपी तंत्र केवल गंभीर चिकित्सकीय स्थिति या सुरक्षा से जुड़ी आपात स्थिति के लिए है, लेकिन कई यात्री इसका उपयोग निजी कारणों – जैसे देरी से पहुंच रहे रिश्तेदार का इंतज़ार करना या बिना अधिकृत ठहराव वाले स्टेशन पर उतरने के लिए – कर रहे हैं।
पूर्व रेलवे ने स्पष्ट किया है कि भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत एसीपी का अनुचित उपयोग दंडनीय अपराध है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) इस संबंध में कठोर निगरानी रख रहा है और दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है।
यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा के दौरान जिम्मेदारी का परिचय दें और केवल आवश्यकता होने पर ही एसीपी का प्रयोग करें। यदि कोई यात्री इस प्रणाली का गलत इस्तेमाल करता है, तो उसकी सूचना तुरंत रेलवे कर्मचारियों या आरपीएफ को दी जाए।
पूर्व रेलवे ने कहा है कि जनता के सहयोग से ही ट्रेन संचालन को सुचारू और समयबद्ध बनाया जा सकता है। जागरूकता और सतर्कता से ही रेलवे सेवा को कुशल बनाया जा सकता है।