विश्व पर्यावरण दिवस पर मालदा मंडल ने रोपे 25 हजार पौधे, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को मिला जनसहयोग
मियावाकी पद्धति से बनाए जा रहे घने देशज वन, 15 स्थानों पर चला वृक्षारोपण अभियान

मालदा, 5 जून।
पूर्व रेलवे के मालदा मंडल ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 को यादगार बना दिया। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम के तहत मंडल ने “एक पेड़ माँ के नाम” राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत 15 प्रमुख रेलवे स्थलों पर 25,000 से अधिक पौधों का रोपण किया। इस वर्ष की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें” को केंद्र में रखते हुए इस पहल ने स्वच्छ और हरित भारत की सोच को मजबूती दी।

मालदा टाउन स्टेशन पर हुआ कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ
मुख्य कार्यक्रम मालदा टाउन स्थित महानंदा रेलवे कॉलोनी के रेलवे पार्क में आयोजित हुआ। मंडल रेल प्रबंधक श्री मनीष कुमार गुप्ता ने पौधारोपण कर अभियान का उद्घाटन किया। पूर्व रेलवे महिला कल्याण संगठन (ERWWO)/मालदा की अध्यक्षा श्रीमती मनीषा गुप्ता, वरिष्ठ अधिकारीगण, महिला कल्याण संगठन की सदस्याएं, रेलवे कर्मचारी और उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि,
“वृक्षारोपण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सौंपने की जिम्मेदारी है। मियावाकी पद्धति से लगाए गए पौधे शीघ्रता से बढ़ते हैं और स्थानीय जैव विविधता को संबल देते हैं।”

स्थानीय संस्थाओं का भी मिला सहयोग
मालदा टाउन में “मा आनंदमयी सेवा आश्रम” के सहयोग से 2,000 पौधे लगाए गए। वहीं, अन्य स्टेशनों पर भी व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया गया—

  • साहिबगंज: “संजीवनी गंगा” संस्था और AEN/साहिबगंज की निगरानी में 5,000 पौधे लगाए गए।
  • भागलपुर: बाराहाट, टिकानी और मंदार हिल स्टेशन क्षेत्रों में अडानी पावर के सहयोग से 5,000 पौधे रोपे गए।
  • जमालपुर डीजल शेड: वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता श्री कृष्ण कुमार दास के नेतृत्व में कर्मचारियों ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण शपथ ली।
  • जमालपुर कार्यशाला, दौलतपुर माल साइडिंग, अकरा नगर स्टेशन: AEN/जमालपुर के निर्देशन में 3,250 पौधे लगाए गए।
  • मुंगेर स्टेशन: “मुंगेर सेवा मंच” संस्था के सहयोग से 1,000 पौधे रोपे गए। यह संस्था स्टेशन गार्डन के रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाएगी।

मियावाकी पद्धति बनी आकर्षण का केंद्र
इस वृक्षारोपण अभियान में जापानी वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. अकीरा मियावाकी द्वारा विकसित मियावाकी तकनीक का प्रयोग किया गया, जिसके माध्यम से कम समय में घने, देशज और आत्मनिर्भर वन विकसित किए जा सकते हैं।

हरित भविष्य की ओर मालदा मंडल की पहल
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि मालदा मंडल न केवल रेलवे संचालन में दक्ष है, बल्कि वह पर्यावरणीय चेतना और स्थायी विकास के प्रति भी समान रूप से प्रतिबद्ध है। पूरे मंडल में फैले इस वृक्षारोपण अभियान ने यह संदेश दिया कि अगर हम आज प्रकृति से जुड़ें, तो कल हमारी आने वाली पीढ़ियाँ सुरक्षित रहेंगी।

 

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