विश्व मातृभाषा दिवस पर ओम प्रकाश पोद्दार को कर्ण पुरस्कार से नवाजा गया
मुंगेर के चर्चित अधिवक्ता को मिला सम्मान, मानवाधिकार रक्षा में उत्कृष्ट योगदान
भागलपुर। सामाजिक न्याय और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके मुंगेर के वरिष्ठ अधिवक्ता ओम प्रकाश पोद्दार को इस वर्ष कर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर अंग जनगण, अंग मदद फाउंडेशन और अंगिका सभा फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया गया।
भागलपुर के भगवान पुस्तकालय सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में पोद्दार को यह पुरस्कार नाटककार एवं साहित्यकार वीरेंद्र नारायण की जन्मशती के उपलक्ष्य में दिया गया। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी प्रसन्न लताम समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
वर्षों से न्याय के लिए संघर्षरत हैं पोद्दार
ओम प्रकाश पोद्दार वर्षों से समाज के वंचित तबके को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत हैं। मानवाधिकार और सूचना के अधिकार (RTI) के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए इससे पहले भी उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
राष्ट्रीय स्तर पर भी हो चुका है सम्मान
वर्ष 2024 में राष्ट्रीय बाल हितैषी सम्मान से सम्मानित किए गए पोद्दार ने वर्ष 2023 में मानवाधिकार स्वस्ति सम्मान प्राप्त किया था। वहीं, विधि क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए उन्हें वर्ष 2019 में तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान और श्रेष्ठ नागरिक सम्मान दिया गया था।
उनके सामाजिक कार्यों की सूची लंबी है। वर्ष 2018 में उन्हें आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र राष्ट्रीय सम्मान और वर्ष 2009 में सूचना के अधिकार कानून के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पब्लिक कॉज एंड रिसर्च फाउंडेशन, नोएडा द्वारा दिल्ली में विशेष रूप से सम्मानित किया गया था।
पीड़ितों को न्याय दिलाने में निभाई अहम भूमिका
ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में मुंगेर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई घटना में श्रद्धालु अनुराग पोद्दार की पुलिस कार्रवाई में मृत्यु हो गई थी। इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में ओम प्रकाश पोद्दार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके प्रयासों के कारण यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया और पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद मिली।
सामाजिक न्याय की लड़ाई जारी
कई दशकों से समाज के जरूरतमंदों की आवाज़ बन चुके पोद्दार का कहना है कि वे आगे भी मानवाधिकार और न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। कर्ण पुरस्कार मिलने के बाद उन्होंने सभी सहयोगियों और शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया।