आज शिया पर्सनल लॉ बोर्ड से होगी बैठक
नई दिल्ली
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक आज दोपहर 3 बजे संसद भवन परिसर में होगी। बैठक में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AISPLB) अपने सुझाव और विचार प्रस्तुत करेगा।
देवबंद के मदरसे का कड़ा विरोध
हाल ही में दारुल उलूम देवबंद के प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध जताया है। दारुल उलूम के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधान मुसलमानों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
मौलाना मदनी ने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि ये संशोधन लागू हुए तो ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।”
उन्होंने समिति को 22 बिंदुओं का सुझाव भी सौंपा, जिसमें विधेयक को खारिज करने के कारण बताए गए हैं।
ऐतिहासिक स्थलों पर संशोधन का असर
मदनी ने इस बात पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की कि भारत के कई ऐतिहासिक मस्जिदों और धार्मिक स्थलों के वक्फदाता (वक्फ करने वाले व्यक्ति) के बारे में अब जानकारी जुटाना असंभव है। उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रस्तावित बदलावों में गंभीर खामियां हैं, जो इसके इरादों पर सवाल खड़े करती हैं।
विधेयक पर विस्तृत चर्चा जारी
जेपीसी वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पर व्यापक परामर्श कर रही है। इसमें सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समुदाय प्रतिनिधियों के विचार शामिल किए जा रहे हैं।
इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की अवैध कब्जेदारी को रोकने और प्रबंधन में सुधार के लिए कानूनी प्रावधान लाना है।
जेपीसी की समय-सीमा बढ़ी
हाल ही में लोकसभा ने जेपीसी की अवधि को बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है। समिति को अब 2025 के बजट सत्र तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
1995 का वक्फ अधिनियम
वक्फ अधिनियम, 1995, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बनाया गया था, लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों को लेकर आलोचना का शिकार रहा है।