संगठन को आर्थिक और संरचनात्मक मजबूती देने पर जोर
पटना,
बिहार विधानसभा के प्रांगण में गुरुवार को वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूजेएआई) की प्रदेश इकाई की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बाल कृष्ण जी ने की, जिसमें राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के साथ-साथ पटना जिले के नए और पुराने सदस्य भी शामिल हुए।
पटना जिला कमेटी के गठन पर चर्चा
बैठक में पटना जिला कमेटी के गठन पर गहन चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि 31 दिसंबर 2024 तक पटना जिले के इच्छुक और सक्रिय सदस्य अपने नाम का प्रस्ताव जिला अध्यक्ष के लिए प्रस्तुत करें। यदि एक से अधिक नाम आते हैं, तो चुनाव प्रक्रिया के जरिए अध्यक्ष का चयन किया जाएगा।
प्रदेश और जिला इकाई को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजना
संगठन की आर्थिक मजबूती के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। तय हुआ कि प्रदेश और जिला स्तर पर पदाधिकारियों और सदस्यों से न्यूनतम ₹100 का योगदान लिया जाएगा। साथ ही, जो सदस्य स्वेच्छा से अधिक राशि दे सकते हैं, वे संगठन की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेंगे। इन निधियों का उपयोग जिलों के दौरे और बैठकों के आयोजन के लिए किया जाएगा।
बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि प्रदेश और जिला इकाई के कोष की जानकारी पारदर्शी तरीके से रखी जाए और समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर पर इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। संगठन का विस्तार और प्रभावी संचालन तब तक संभव नहीं है, जब तक कि आर्थिक स्रोतों को मजबूत नहीं किया जाए।
सदस्यता अभियान में तेजी का निर्णय
बैठक में सदस्यता अभियान को गति देने के लिए भी चर्चा की गई। यह निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी जिलों में संगठन का विस्तार किया जाएगा और इसके लिए सबसे पहले पटना जिला कमेटी का गठन प्राथमिकता होगी।
आगामी बैठक की घोषणा
प्रदेश इकाई की अगली बैठक जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में होगी, जिसकी सूचना सभी सदस्यों को समय पर दी जाएगी।
वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति से बैठक सफल
इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव सह बिहार प्रभारी मधुप मणि पीकू, प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक कुमार डब्लू, राष्ट्रीय कार्यालय सचिव अकबर ईमाम, वरिष्ठ सदस्य विजय कुमार मिश्रा (बाबा), सूरज कुमार, श्रीमती संगीता, और अन्य सम्मानित सदस्यों की उपस्थिति ने बैठक को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को आर्थिक और संरचनात्मक रूप से मजबूत करना था, ताकि राज्य और जिला स्तर पर इसकी गतिविधियों को प्रभावी तरीके से संचालित किया जा सके।