पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 में सभी सीटों पर लड़ेगी AIMIM, टीएमसी और बीजेपी पर साधा निशाना

कोलकाता। प्रतिनिधि – ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 2026 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पार्टी के प्रवक्ता इमरान सोलंकी ने कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बंगाल में मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है, लेकिन उनके अधिकारों की अनदेखी की जा रही है।

वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग का आरोप

प्रेस कॉन्फ्रेंस में AIMIM ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर गंभीर आरोप लगाए। सोलंकी ने दावा किया कि हाई कोर्ट से लेकर फोर्ट विलियम तक का पूरा क्षेत्र वक्फ बोर्ड की संपत्ति है, लेकिन टीएमसी इसका लाभ उठा रही है। उन्होंने कहा, “अगर टीएमसी को मुस्लिम वोट चाहिए, तो उसे वक्फ बोर्ड का पूरा हिसाब देना होगा।”

बीजेपी-टीएमसी पर AIMIM का हमला

सोलंकी ने बीजेपी और टीएमसी को एक ही सिक्के के दो पहलू करार दिया। उन्होंने कहा, “ये पार्टियां मुस्लिमों के वोट से सत्ता में आती हैं, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करतीं। मुर्शिदाबाद, जहां मुस्लिम आबादी सबसे अधिक है, वहां तक एक भी विश्वविद्यालय नहीं खोला गया।”

सोलंकी ने ममता सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को बंगाल में बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “टीएमसी के शासन में बंगाल में RSS के नए कार्यालय खुल रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी की ही देन हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। वहीं, हमारे लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं।”

सदस्यता अभियान की शुरुआत

AIMIM ने चुनाव से पहले अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान शुरू किया है। पार्टी समर्थक अब एक मिस्ड कॉल देकर AIMIM से जुड़ सकते हैं।

सोलंकी ने कहा कि “हमने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में चुनाव लड़ा है, अब बंगाल की बारी है। पंचायत चुनाव में मालदा, मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों में हमें अच्छा समर्थन मिला था, जिसे अब विधानसभा चुनाव में मजबूती में बदलना है।”

AIMIM की इस घोषणा से बंगाल की सियासत में हलचल मच गई है। अब देखना यह होगा कि मुस्लिम वोट बैंक पर प्रभाव रखने वाले इस फैसले का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा।

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