योगगुरु बाबा शिवानंद नहीं रहे, 128 वर्ष की आयु में काशी में ली अंतिम सांस
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- पीढ़ियों तक प्रेरणा देते रहेंगे शिवानंद बाबा
वाराणसी,
योग को जीवन का आधार मानने वाले पद्मश्री से सम्मानित बाबा शिवानंद का शनिवार देर रात वाराणसी में निधन हो गया। अनुयायियों के अनुसार उनकी आयु 128 वर्ष थी। वे बीते 30 अप्रैल से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) अस्पताल में भर्ती थे, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
बाबा शिवानंद लंबे समय से कबीरनगर कॉलोनी में रह रहे थे। उनके पार्थिव शरीर को वहीं अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उनके निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “शिवानंद बाबा जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्होंने योग और साधना को जीवन का आधार बनाकर समाज की सेवा की। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। काशी और देशवासियों के लिए यह अपूरणीय क्षति है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
1896 में जन्म, बचपन में ही माता-पिता को खो दिया
बाबा शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को तत्कालीन बंगाल प्रांत के सिलहट जिले (अब बांग्लादेश में) में हुआ था। छह वर्ष की आयु में उन्होंने भुखमरी में अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद वे संत ओंकारानंद के सान्निध्य में आए, जिन्होंने उन्हें योग और संयम का मार्ग दिखाया।
योग और संयम का जीवन बना पहचान
बाबा शिवानंद का जीवन सादगी और संयम का प्रतीक था। वे प्रतिदिन सुबह 3 बजे उठते, योग करते और अपने सारे काम स्वयं करते थे। उनका भोजन केवल उबला हुआ होता था और वे ज़मीन पर चटाई बिछाकर विश्राम करते थे। उन्होंने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि योग केवल व्यायाम नहीं, एक अनुशासित जीवन पद्धति है।
2022 में मिला पद्मश्री सम्मान
भारत सरकार ने 2022 में बाबा शिवानंद को पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा था। यह सम्मान उन्हें योग और आध्यात्मिक जागरूकता के क्षेत्र में योगदान के लिए मिला था। बाबा को यह गौरव प्राप्त करने वाले सबसे वृद्ध व्यक्ति माना जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जताया शोक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “काशी के प्रसिद्ध योगगुरु पद्मश्री स्वामी शिवानंद जी का निधन अत्यंत दुखद है। उनका योगमय जीवन समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें सद्गति दें और उनके शिष्यों को यह दुःख सहन करने की शक्ति दें। ओम शांति।”
सार्वजनिक दर्शन के बाद अंतिम संस्कार
बाबा शिवानंद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि हेतु उनके आवास पर रखा गया है। अंतिम संस्कार काशी में विधिपूर्वक किया जाएगा। उनके अनुयायियों के अनुसार, बाबा शिवानंद का जीवन एक सच्चे योगी का प्रतीक था, जिसकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को दिशा देती रहेगी।