योग शिक्षा को नया आयाम देने के लिए मुंगेर में पांच दिवसीय कार्यशाला शुरू
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार होगा समग्र योग पाठ्यक्रम
मुंगेर, 6 फरवरी। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप योग शिक्षा पाठ्यक्रम निर्माण को लेकर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर में हुई। इस कार्यशाला में देशभर के 15 प्रख्यात योगाचार्य भाग ले रहे हैं, जो योग शिक्षा को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्राचीन परंपरा से जोड़ते हुए एक सुसंगठित पाठ्यक्रम तैयार करेंगे।
योग शिक्षा के समावेशी विकास पर मंथन
कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. रामादर्श प्रसाद सिंह उर्फ स्वामी चिन्मयानंद, योग के अखिल भारतीय संयोजक राजेश कुमार, उत्तर बिहार के योग प्रांतीय मार्गदर्शक राजेश कुमार रंजन, दिल्ली क्षेत्र की संयोजिका कल्पना हलधर और विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे प्रो. चिन्मयानंद ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक समरसता का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में योग शिक्षा को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक व्यवस्थित पाठ्यक्रम तैयार करना है।
योग शिक्षा में वैज्ञानिकता और परंपरा का समन्वय
योग के अखिल भारतीय संयोजक राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत योग शिक्षा को एक व्यापक और व्यावहारिक स्वरूप देने की योजना है, ताकि छात्र न केवल शारीरिक रूप से सक्षम बनें बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त हों। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में योग दर्शन, आसन, प्राणायाम, ध्यान, योग चिकित्सा, योग शिक्षक प्रशिक्षण समेत अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन मंथन किया जाएगा।
उड़ीसा क्षेत्र के क्षेत्रीय संयोजक मधुसूदन वशिष्ठ ने कहा, “योग भारत की प्राचीन धरोहर है, जो आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस पाठ्यक्रम से योग को वैश्विक पहचान मिलेगी और इसे अधिक वैज्ञानिक और व्यावहारिक बनाया जाएगा।”
योग शिक्षा को राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगा बढ़ावा
इस कार्यशाला में विद्या भारती के 11 क्षेत्रों के योग प्रमुख, सह-प्रमुख और अखिल भारतीय योग संयोजक भाग ले रहे हैं, जो संयुक्त रूप से पाठ्यक्रम निर्माण की दिशा में कार्य करेंगे। विद्या भारती की योजना के अनुसार, इस पाठ्यक्रम को विभिन्न राज्यों के विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाएगा, जिससे छात्रों को योग की गहरी समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम का संचालन उत्तर बिहार के योग प्रांतीय मार्गदर्शक राजेश कुमार रंजन ने किया, जबकि विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस कार्यशाला से निकले निष्कर्ष भविष्य में योग शिक्षा को एक नई दिशा देने का कार्य करेंगे और इसे शारीरिक व्यायाम से आगे बढ़ाकर जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने में मदद करेंगे।