‘सरकट्टा’ पितृसत्ता की सबसे विकृत रूप: ‘स्त्री 2’ के लेखक निरन भट् ‘स्त्री 2’ के लेखक निरन भट्ट का मानना है कि ‘सरकट्टा’ पितृसत्ता की सबसे विकृत रूप है। उनका कहना है कि फिल्में केवल हॉरर नहीं हैं, बल्कि समाज में फैली बुराइयों की प्रतिनिधि हैं। भट्ट ने कहा, “लोगों की शिकायत रहती है कि फिल्म में या तो बहुत अधिक हास्य है या बहुत कम डरावनी बातें। लेकिन ये हॉरर फिल्में नहीं हैं, जहां वास्तविक भूत लोगों को परेशान कर रहे हों। हमारे सभी भूत हमारे समाज की बुराइयों के प्रतीक हैं। ‘सरकट्टा’ पितृसत्ता का सबसे विकृत रूप है।”

समाज की विकृतियों का प्रतीक:

मैडॉक फिल्म्स की हॉरर कॉमेडी फिल्मों में सामाजिक विकृतियों का प्रतिनिधित्व किया गया है। ‘सरकट्टा’, जो ‘स्त्री 2’ का नया खलनायक है, पितृसत्ता की तमाम बुराइयों का प्रतीक है। भावनगर में जन्मे और एक उच्च-भुगतान वाली कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर 2007 में फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले निरन भट्ट ‘स्त्री 2’ को मिली प्रतिक्रिया से बेहद खुश हैं, हालांकि वह मानते हैं कि आंकड़े थोड़े हैरान करने वाले हैं।

‘स्त्री 2’ की सफलता:

‘स्त्री 2’ के रिलीज के बाद से ही फिल्म ने दुनियाभर में लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार कर लिया है। भट्ट ने कहा, “लोग पिछले छह साल से इस फिल्म का इंतजार कर रहे थे, लेकिन हम उम्मीदों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।” उन्होंने आगे कहा कि ‘स्त्री’, ‘भेड़िया’ और ‘मुनज्या’ जैसी हॉरर-कॉमेडी फिल्मों के सभी काल्पनिक पात्र समाज के किसी न किसी पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं।

स्त्री, भेड़िया और सरकट्टा का प्रतीकवाद: 

भट्ट ने समझाया, “स्त्री मातृसत्ता का प्रतीक है, वह कोई चुड़ैल नहीं है। भेड़िया जंगलों का रक्षक है। हमने इन पात्रों को खास तौर पर इस तरीके से डिजाइन किया है। हम यहां किसी जादू-टोने या अज्ञात आत्माओं की बात नहीं कर रहे हैं।”

‘स्त्री 2’ की कहानी:

‘स्त्री’ के सीक्वल में एक सिरविहीन खलनायक ‘सरकट्टा’ के इर्द-गिर्द कहानी बुनी गई है, जो स्वतंत्र आवाज वाली महिलाओं का अपहरण करता है। इस फिल्म का निर्देशन अमर कौशिक ने किया है और इसमें राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर, अभिषेक बनर्जी, पंकज त्रिपाठी और अपारशक्ति खुराना की मुख्य भूमिकाएं हैं।

समाज के कड़वे सच: 

भट्ट का कहना है कि ‘स्त्री 2’ की पृष्ठभूमि कोलकाता के कथित बलात्कार-हत्या और मलयालम सिनेमा में महिलाओं के शोषण पर आई जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट से जुड़ी है। उन्होंने कहा, “यह सब हर दिन होता है। यह एक घटना मीडिया में उजागर हो गई और हम सभी इससे हिल गए हैं।”

महत्वपूर्ण दृश्य और प्रेरणा:

फिल्म के एक महत्वपूर्ण दृश्य में, ‘सरकट्टा’ चंदेरी की संरक्षक ‘स्त्री’ की प्रतिमा को ध्वस्त करता है, जो उसके शासन की शुरुआत का प्रतीक है। भट्ट ने बताया कि यह दृश्य 2003 में बगदाद में सद्दाम हुसैन की प्रतिमा को गिराने की घटना से प्रेरित है।

पॉप कल्चर और ‘स्त्री 2’:

भट्ट की लेखनी में पॉप कल्चर का भी विशेष स्थान है। ‘स्त्री 2’ में “हैरी पॉटर”, “स्टार वॉर्स”, “मिशन इम्पॉसिबल”, “एवेंजर्स” और सूफी दार्शनिक रूमी के संदर्भ शामिल हैं। भट्ट ने बताया कि फिल्म के एक दृश्य में राजकुमार राव का डायलॉग ‘सही और गलत के परे एक मैदान है, वहां मिलती है वह’ रूमी के प्रसिद्ध उद्धरण से प्रेरित है।

भविष्य की योजनाएं:

फिल्म की सफलता के बाद, अब भट्ट और मैडॉक फिल्म्स “स्त्री 3”, “भेड़िया 2”, “मुनज्या 2” और “थामा” जैसी फिल्मों पर काम कर रहे हैं। हालांकि, भट्ट ने इन आगामी परियोजनाओं के बारे में ज्यादा खुलासा करने से मना कर दिया।

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