पेरिस
पेरिस पैरालिंपिक्स के छठे दिन भारत के लिए पदकों की झड़ी लगी रही। नितेश कुमार ने पुरुषों की सिंगल्स SL3 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता, जबकि प्रीति पाल ने इतिहास रचते हुए एक ही संस्करण में दो कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया। इसके साथ ही पुरुषों के डिस्कस थ्रो F-56 स्पर्धा में योगेश कथुनिया और पुरुषों की T47 हाई जंप में निशाद कुमार ने रजत पदक जीते।
नितेश कुमार ने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेतल को 21-14, 19-21, 23-21 से हराकर भारत के लिए स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। 29 वर्षीय नितेश, जो 2009 में एक दुर्घटना के कारण स्थायी पैर की क्षति का सामना कर चुके हैं, ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह उपलब्धि हासिल की। यह भारत के लिए SL3 श्रेणी में दूसरा स्वर्ण पदक है, इससे पहले प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक्स में स्वर्ण पदक जीता था।
योगेश कथुनिया ने पुरुषों के डिस्कस थ्रो F-56 स्पर्धा में 42.22 मीटर की दूरी पर फेंककर अपना दूसरा लगातार पैरालिंपिक रजत पदक जीता। ब्राजील के क्लाउडिनय बटिस्टा डॉस सैंटोस ने 46.86 मीटर की दूरी के साथ नया खेल रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं, ग्रीस के कॉन्स्टैंटिनोस त्जूनीस ने कांस्य पदक जीता।
निशाद कुमार ने पुरुषों की T47 हाई जंप में 2.04 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक जीता। अमेरिकी एथलीट टाउनसेंड-रॉबर्ट्स ने 2.08 मीटर की छलांग के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि रूस के जॉर्जी मार्गिव को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
प्रीति पाल ने महिला ट्रैक और फील्ड एथलेटिक्स में दो कांस्य पदक जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने 200 मीटर T35 श्रेणी में 30.01 सेकंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता। इससे पहले, उन्होंने 100 मीटर T35 श्रेणी में भी कांस्य पदक जीता था।
इसके अलावा, मनीषा रमदास ने महिला सिंगल्स में डेनमार्क की कैथरीन रोसेन्ग्रेन को 21-12, 21-8 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। मनीषा का यह प्रदर्शन उनकी कठिन परिस्थितियों और अद्वितीय संघर्ष का प्रतीक है।
भारत के इन छह नए पदकों ने पेरिस पैरालिंपिक्स में देश की पदक तालिका को और ऊंचा किया है, जिससे भारतीय खिलाड़ियों की विश्वस्तरीय प्रदर्शन की क्षमताएं स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो रही हैं।