राज्य के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। बिहार के करीब 2.92 लाख नियोजित शिक्षकों की वेतन वृद्धि का रास्ता अब साफ हो गया है। इन शिक्षकों ने राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा संचालित सतत व्यवसायिक विकास प्रशिक्षण (सीपीडी) पूरा कर लिया है, जो कि वेतन वृद्धि के लिए अनिवार्य शर्त थी।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस. सिद्धार्थ ने उन शिक्षकों की वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी थी जिन्होंने यह प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था। हालांकि, अब जो शिक्षक इस ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं, उन्हें इसका लाभ मिलने जा रहा है।

राज्यभर के स्कूलों में लगभग 3.23 लाख नियोजित शिक्षक हैं। इनमें से 31,000 से अधिक शिक्षक अभी भी इस प्रशिक्षण को पूरा करने से चूक गए हैं। बीते 17 अगस्त को एससीईआरटी द्वारा प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षकों की सूची जारी की गई थी। इस सूची के जारी होने के बाद अब वेतन वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

पिछले वर्ष जुलाई महीने से शुरू किए गए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना है। हालांकि, कई शिक्षक इस अनिवार्य प्रशिक्षण को अब तक पूरा नहीं कर सके हैं। शिक्षा विभाग द्वारा 11 जून को जारी एक आदेश में यह स्पष्ट किया गया था कि जो शिक्षक इस प्रशिक्षण को पूरा नहीं करेंगे, उनकी सालाना वेतन वृद्धि पर रोक लगाई जाएगी।

बिहार के स्कूलों में बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से दो चरणों में लगभग ढाई लाख शिक्षक पहले ही बहाल किए जा चुके हैं। वर्तमान में राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक, और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 5.77 लाख शिक्षक कार्यरत हैं। बीपीएससी द्वारा की गई नई नियुक्तियों के बाद राज्य में शिक्षक-छात्र अनुपात में भी सुधार हुआ है, जो अब 1:351 हो गया है।

इस नए विकास के साथ, बिहार के शिक्षकों को अपने वेतन में वृद्धि का लाभ जल्द ही मिलने की उम्मीद है, जो उनकी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करेगा।

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