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सासाराम

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग उठाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शराबबंदी के नाम पर प्रदेश में गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है। रोहतास जिले के सासाराम पहुंचे मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस कानून पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

मांझी ने कहा कि शराबबंदी का सिद्धांत सही है, लेकिन इसके लागू होने के तरीके में गंभीर खामियां हैं। उन्होंने दावा किया कि शराबबंदी के कारण अवैध और जहरीली शराब का निर्माण तेजी से बढ़ा है, जिससे विशेषकर गरीब वर्ग प्रभावित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में सरकार द्वारा कानून की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया था कि केवल शराब पीने के इरादे से शराब ले जाने पर गिरफ्तारी नहीं होगी, लेकिन इसके बावजूद लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

सासाराम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मांझी ने स्पष्ट किया कि कानून की जमीनी हकीकत अलग है। उन्होंने कहा, “शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन तो हो रहा है, लेकिन गरीब तबके के लोग इसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। धंधेबाज एक घंटे में जहरीली शराब बनाकर बेच रहे हैं, जिससे गरीबों की जिंदगी और अधिक खतरे में पड़ गई है।”

मांझी ने पिछले महीने सासाराम में जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कार्यकर्ता सरोज पासवान की हत्या के बाद उनके परिवार से मुलाकात की और इस दौरान शराबबंदी कानून के दुष्परिणामों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द ही इस कानून की कमियों को दूर करते हुए गरीबों के हित में कदम उठाने चाहिए।

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