मुंगेर

जिले में जर्जर सड़कों, विद्युत आपूर्ति की अनियमितता और अन्य जनसमस्याओं को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने रविवार को बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जिला प्रशासन का पुतला दहन कर विरोध जताया। उनका आरोप था कि सरकार और प्रशासन द्वारा जिले की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

प्रदर्शन का नेतृत्व सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक पप्पू यादव ने किया, जिनके साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान राजद कार्यालय से निकाली गई जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए राजीव गांधी चौक पर पहुँची, जहां मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला जलाया गया।

प्रदर्शन के दौरान समिति ने सड़कों की खस्ताहाल स्थिति, बिजली आपूर्ति की अस्थिरता और सदर अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर तीखा आक्रोश व्यक्त किया। “जिले की सड़कों का अविलंब मरम्मत हो,” “बिजली की अनियमित आपूर्ति बंद करो,” जैसे नारे गूंजते रहे।

पुतला दहन के बाद पप्पू यादव ने कहा, “मुंगेर जिला सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। यहां की सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। स्थानीय सांसद और प्रशासन की उदासीनता ने जिले की दुर्दशा को और बढ़ाया है।”

राजद के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार यादव ने आरोप लगाया कि जिले की सड़कें दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुकी हैं। “हर रोज़ हादसे हो रहे हैं, और प्रशासन बाढ़ का बहाना बनाकर इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रहा है,” उन्होंने कहा।

संघर्ष समिति के अन्य नेताओं ने भी सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा। एनसीपी के जिला अध्यक्ष जाबिर हुसैन और बसपा के जिला प्रभारी कृष्णानंद राऊत ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सरकार के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, फिर भी जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।”

इस विरोध प्रदर्शन में दर्जनों स्थानीय नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें राजद के वरिष्ठ नेता नवीन यादव, सपा के उपाध्यक्ष रामनाथ राय, बसपा के डॉ. कृष्णानंद, एनसीपी के दिनेश साहू सहित अन्य नेता शामिल थे।

सर्वदलीय संघर्ष समिति ने यह भी घोषणा की कि जब तक जिले की समस्याओं का समाधान नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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