कज़ान (रूस) :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कज़ान पहुंचे, जहां उनकी द्विपक्षीय बैठक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई। यह बैठक भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से की गई, जो मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के कज़ान पहुंचने पर तातारस्तान गणराज्य के प्रमुख रुस्तम मिनिखानोव ने उनका स्वागत किया। यात्रा से पहले मोदी ने ब्रिक्स को वैश्विक विकास, आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चा का महत्वपूर्ण मंच बताया।
इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व की उथल-पुथल पर भी चर्चा हुई। भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार ने बताया कि भारत शांति और संवाद के माध्यम से समाधान का पक्षधर है। रूस और भारत के बीच लगातार बढ़ते सहयोग को देखते हुए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी को “दोस्त” कहकर संबोधित किया था और यूक्रेन विवाद में भारत की संतुलित भूमिका की सराहना की थी। इसके पहले भी मोदी ने पुतिन से फोन पर शांति की अपील की थी।
शिखर सम्मेलन का विषय “न्यायपूर्ण वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना” है, जिसमें ब्रिक्स देशों के बीच विभिन्न वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त फिर से शुरू करने पर सहमति बनी है, जो दोनों देशों के संबंधों में एक सकारात्मक कदम है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से यह स्पष्ट है कि भारत वैश्विक मंचों पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को और प्रभावी बनाने के लिए कूटनीतिक प्रयासों में जुटा हुआ है।