विद्रोहियों ने दमिश्क पर किया कब्जा

मॉस्को/दमिश्क

सीरिया में विद्रोहियों की बड़ी जीत के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सत्ता छोड़ दी है। असद और उनका परिवार देश छोड़कर रूस पहुंच गए हैं, जहां उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी गई है। यह घटना असद के दो दशक लंबे शासन के अंत का संकेत है।

रविवार को विद्रोही ताकतों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया, जिससे असद को सत्ता से हटने और देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। रूस के विदेश मंत्रालय ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि असद ने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण की सहमति दी है।

रूस ने बढ़ाया मदद का हाथ
रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम सीरिया संकट के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में वार्ता फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं।” रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस अब सीरियाई विद्रोही गुटों के संपर्क में है, जिन्होंने सीरिया में रूसी सैन्य अड्डों और राजनयिक मिशनों की सुरक्षा की गारंटी दी है।

दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा
रविवार को विद्रोहियों ने दमिश्क के साथ-साथ सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स पर भी नियंत्रण कर लिया। सीरियाई विपक्षी नेता हादी अल-बहरा ने बयान में कहा, “सीरिया अब बशर अल-असद के बिना है। तानाशाह भाग चुका है।”

रूस की भूमिका महत्वपूर्ण
रूस ने असद परिवार को शरण देकर संकट को और बढ़ने से रोका है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम सीरिया में हालात पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। असद ने सभी पक्षों के साथ समझौते के बाद राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और सत्ता शांतिपूर्ण तरीके से हस्तांतरित करने के निर्देश दिए।”

इस घटनाक्रम से सीरिया में नए सिरे से राजनीतिक समाधान की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, यह देखना होगा कि विद्रोही गुट सत्ता को कैसे संभालते हैं और रूस का इसमें क्या योगदान रहेगा।

 

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