शंकरा नेत्रालय के लिए MOU पर हस्ताक्षर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार को मिला बड़ा स्वास्थ्य प्रोजेक्ट

पटना। राजधानी पटना में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। शुक्रवार को बिहार सरकार और शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया, कोयंबटूर के बीच एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के तहत पटना के कंकड़बाग क्षेत्र में एक अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय नेत्र अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में हुए इस करार ने बिहारवासियों को बेहतर नेत्र चिकित्सा सेवा का सपना साकार करने का रास्ता खोल दिया है।

18 महीने में तैयार होगा अस्पताल
कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, शंकरा आई फाउंडेशन को अस्पताल निर्माण के लिए 99 वर्षों की लीज पर 1.6 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। यह जमीन बिहार राज्य आवास बोर्ड से स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित की गई है। परियोजना की लागत 48 करोड़ रुपये आंकी गई है, और अस्पताल के निर्माण कार्य को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस नेत्र अस्पताल के निर्माण से न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार के मरीजों को उन्नत नेत्र चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इसे सरकार की एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि, “शंकरा नेत्रालय के निर्माण से बिहार के लाखों नेत्र रोगियों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री के प्रयासों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से यह संभव हो पाया है।”

क्या है शंकरा नेत्रालय की खासियत?
शंकरा नेत्रालय को भारत में नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जाना जाता है। कंकड़बाग में बनने वाले इस अस्पताल में अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के साथ इलाज की सुविधा होगी। इसके अलावा, यह अस्पताल गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भी किफायती दरों पर सेवाएं उपलब्ध कराएगा।

 

 

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