कनाडा में सत्ता परिवर्तन की संभावना बढ़ी
ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण पार्टी में आंतरिक असंतोष और आगामी चुनाव में “वास्तविक विकल्प” की आवश्यकता बताया। ट्रूडो 2015 में 10 साल के कंजर्वेटिव शासन के बाद सत्ता में आए थे।
ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं पार्टी द्वारा नए नेता के चयन के बाद प्रधानमंत्री और पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दूंगा। यह देश आगामी चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और मुझे एहसास हुआ है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़े, तो मैं चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता।”
कंजर्वेटिव पार्टी की वापसी की संभावना
ट्रूडो के इस्तीफे से कंजर्वेटिव पार्टी के सत्ता में लौटने की संभावना मजबूत हो गई है। वर्तमान में कंजर्वेटिव पार्टी की कमान पियरे पोइलिवर के हाथों में है, जो 2006 से 2015 तक सत्ता में रह चुकी है। पोइलिवर का अभियान महंगाई पर नियंत्रण और सरकार के आकार को छोटा करने जैसे मुद्दों पर केंद्रित है, जो जनता के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है।
संसद सत्र स्थगित
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने अपने संबोधन में संसद को स्थगित करने की भी घोषणा की। संसद 27 जनवरी को फिर से शुरू होने वाली थी, लेकिन अब यह 24 मार्च तक स्थगित रहेगी। विपक्षी दलों ने ट्रूडो सरकार को मार्च के अंत तक गिराने की योजना बनाई थी।
विश्वास मत की स्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि संसद मार्च 24 तक स्थगित रहती है, तो विपक्ष 2025 के मई तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला पाएगा। इससे कंजर्वेटिव पार्टी को अपनी रणनीति और मजबूत करने का समय मिल सकता है।
जस्टिन ट्रूडो का यह निर्णय कनाडाई राजनीति में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। अब यह देखना होगा कि लिबरल पार्टी का नया नेता कौन बनता है और आगामी चुनाव में राजनीतिक परिदृश्य किस दिशा में जाता है।